केदारनाथ धाम शीतकाल के लिए बंद : अब ओंकारेश्वर मंदिर में होगी पूजा-अर्चना, छह महीने बाद श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

UPT | Kedarnath Dham

Nov 03, 2024 13:50

कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी डोली रामपुर के लिए रवाना हुई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए भंडारे भी आयोजित किए गए...

National News : विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट रविवार (03 नवम्बर) को भैया दूज के पावन पर्व पर सुबह 08:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर 15 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने की प्रक्रिया के साक्षी बने और उपस्थित होकर श्रद्धा व्यक्त की।

धार्मिक विधि-विधान के साथ कपाट बंद
कपाट बंद करने की प्रक्रिया बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अगुवाई में शुरू हुई। वैदिक विधि-विधान और धार्मिक परंपराओं के अनुसार भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की गई। भक्तिमय धुनों और जय घोष के बीच बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया। 



श्रद्धालुओं का उत्साह और यात्रा का सिलसिला
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी डोली रामपुर के लिए रवाना हुई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए भंडारे भी आयोजित किए गए। इस वर्ष 16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए, जिससे यात्रा का रिकॉर्ड बना है।

शीतकालीन पूजा की तैयारी
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पूजा अब ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में की जाएगी। 4 नवंबर सोमवार को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी रात्रि प्रवास कर 5 नवंबर मंगलवार को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। यह स्थान शीतकाल के दौरान बाबा केदार का गद्दीस्थल होगा, जहां पूजा की सभी गतिविधियां संपादित की जाएंगी। श्रद्धालु लगभग पांच- छह महीने के बाद  दर्शन कर सकेंगे। 

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