Dec 24, 2024 08:23
https://uttarpradeshtimes.com/national/shyam-benegal-passed-away-hindi-film-industry-president-dopri-murmu-pm-modi-and-cm-yogi-expressed-grief-57018.html
श्याम बेनेगल की बेटी पिया ने कहा कि उनके पिता और फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का क्रोनिक किडनी रोग के कारण 90 वर्ष की उम्र में मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में निधन हो गया। वह कई सालों से क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित थे, लेकिन यह बहुत खराब हो गई थी।
Shyam Benegal Passed Away : हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को सोमवार को गहरा झटका लगा है। दिग्गज निर्देशक श्याम बेनेगल का 90 की उम्र में शाम 6.38 बजे निधन हो गया। वह लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। श्याम बेनेगल का इस दुनिया को अलविदा कह कर जाना पूरी इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है। श्याम बेनेगल की बेटी पिया ने कहा कि उनके पिता और फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का क्रोनिक किडनी रोग के कारण 90 वर्ष की उम्र में मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में निधन हो गया। वह कई सालों से क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित थे, लेकिन यह बहुत खराब हो गई थी। बताया कि वह दो दिन पहले अपने घर पर गिर गए थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वह दो दिन से वे कोमा में थे। मंगलवार शाम शिवाजी पार्क में श्याम बेनेगल का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने जताया दुख
भारत की राष्ट्रपति दोप्रदी मुर्मु ने दुख जताते हुए लिखा कि श्री श्याम बेनेगल के निधन से भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया है। उन्होंने एक नए तरह के सिनेमा की शुरुआत की और कई क्लासिक फिल्में बनाईं। एक सच्चे संस्थान के रूप में उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों को तैयार किया। उनके असाधारण योगदान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों के रूप में मान्यता मिली। उनके परिवार के सदस्यों और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्याम बेनेगल के निधन पर शोक जताते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि श्री श्याम बेनेगल जी के निधन से बहुत दुःख हुआ, जिनकी कहानी कहने की कला ने भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव डाला। उनके काम को विभिन्न क्षेत्रों के लोग हमेशा सराहते रहेंगे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।
Deeply saddened by the passing of Shri Shyam Benegal Ji, whose storytelling had a profound impact on Indian cinema. His works will continue to be admired by people from different walks of life. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2024
सीएम योगी ने दुख व्यक्त किया
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिग्गज निर्देशक श्याम बेनेगल के निधन पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा कि प्रख्यात फिल्म निर्माता-निर्देशक 'पद्म भूषण' श्री श्याम बेनेगल जी का निधन अत्यंत दुःखद एवं सिनेमा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। भारतीय सिनेमा को विश्व में नई और अद्वितीय पहचान दिलाने में उनका अविस्मरणीय योगदान था। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति और उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
प्रख्यात फिल्म निर्माता-निर्देशक 'पद्म भूषण' श्री श्याम बेनेगल जी का निधन अत्यंत दुःखद एवं सिनेमा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
भारतीय सिनेमा को विश्व में नई और अद्वितीय पहचान दिलाने में उनका अविस्मरणीय योगदान था।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति और उनके…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 23, 2024
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दुख जताया
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी डायरेक्टर को याद करते हुए लिखा कि श्याम बेनेगल जी के निधन से दुखी हूं, वे एक दूरदर्शी फिल्म निर्माता थे, जिन्होंने भारत की कहानियों को गहराई और संवेदनशीलता के साथ जीवंत किया। सिनेमा में उनकी विरासत और सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। दुनिया भर में उनके चाहने वालों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना।
Saddened by the passing of Shyam Benegal ji, a visionary filmmaker who brought India’s stories to life with depth and sensitivity.
His legacy in cinema and commitment to social issues will inspire generations. Heartfelt condolences to his loved ones and admirers worldwide. pic.twitter.com/J6ARdNiVNV
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 23, 2024
इन पुरस्कारों से नवाजे गए थे
श्याम बेनेगल को अंकुर, मंडी, मंथन आदि जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता था, जिनमें से अधिकांश 70 या 80 के दशक के मध्य में रिलीज हुई थीं। श्याम बेनेगल को भारत सरकार द्वारा 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनकी सफल फिल्मों में मंथन, जुबैदा और सरदारी बेगम शामिल हैं। अपने शानदार करियर में श्याम बेनेगल ने 'भारत एक खोज' और 'संविधान' सहित विभिन्न मुद्दों, डॉक्यूमेंट्री और टेलीविजन धारावाहिकों पर फिल्में बनाईं।
दादा साहब फाल्के से थे सम्मानित
बता दें, श्याम बेनेगल 8 नेशनल अवॉर्ड जीत चुके थे। उन्होंने जुबैदा, द मेकिंग ऑफ द महात्मा, नेताजी सुभाष चंद्र बोसः द फॉरगोटन हीरो, मंडी, आरोहन, वेलकम टु सज्जनपुर जैसी दर्जनों बेहतरीन फिल्में बनाई हैं। श्याम बेगेनल को दादा साहब फाल्के सम्मान भी मिल चुका है। श्याम बेनेगल ने अपने करियर में 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 1500 एड फिल्म्स बनाईं।
सबसे ज्यादा 8 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता
श्याम बेनेगल गुरुदत्त के भतीजे थे। सत्यजित रे के बाद कला और सामाजिक फिल्मों की मशाल लेकर चले। उन्होंने नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, स्मिता पाटिल जैसे कलाकार और गोविंद निहलानी जैसा निर्देशक दिया। 1974 में पहली फिल्म अंकुर किसानों के मुद्दे पर थी। अंतिम फिल्म मुजीब 2023 में आई जो बांग्लादेश के निर्माता शेख मुजीबुर्रहमान के जीवन पर थी। दूरदर्शन के लिए भारत एक खोज, कथा यात्रा और एक कहानी जैसे सीरियल बनाए।
हाल ही में मनाया था 90वां जन्मदिन
इससे पहले 14 दिसंबर को अपने दोस्तों और परिवार के साथ अपना 90वां जन्मदिन मनाया था। अभिनेता कुलभूषण खरबंदा, नसीरुद्दीन शाह, दिव्या दत्ता, शबाना आजमी, रजित कपूर, अतुल तिवारी, फिल्म निर्माता-अभिनेता और शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर और अन्य लोग इस भव्य समारोह का हिस्सा बने थे। यह तस्वीर बीते 14 दिसंबर को श्याम बेनेगल के 90वें जन्मदिन पर शबाना आज्मी ने शेयर की थी। इसमें कुलभूषण खरबंदा, नसीरुद्दीन शाह, रजित कपूर और दिव्या दत्ता समेत कई सेलेब्स नजर आ रहे हैं।
हैदराबाद में हुआ था श्याम बेनेगल का जन्म
श्याम बेनेगल का जन्म 14 दिसंबर, 1934 को हैदराबाद में हुआ था। वे कोंकणी भाषी चित्रपुर सारस्वत ब्राह्मण परिवार से थे। उनके पिता श्रीधर बी. बेनेगल मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले थे। वे एक फोटोग्राफर थे, जिन्होंने श्याम को फिल्म निर्माण में शुरुआती रुचि दिखाई। महज 12 साल की उम्र में श्याम ने अपने पिता द्वारा उपहार में दिए गए कैमरे का उपयोग करके अपनी पहली फिल्म बनाई। उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने हैदराबाद फिल्म सोसाइटी की स्थापना की, जो सिनेमा में उनके शानदार सफर की शुरुआत थी।