Prayagraj News : 1800 बीघे सरकारी जमीन फर्जी नाम कराकर बिल्डरों को बेची, शासन ने डीएम को दिया जांच का आदेश

UPT | चकबंदी अधिकारी आलोक कुमार और जिलाधिकारी कार्यालय

Jul 16, 2024 16:33

प्रयागराज के फूलपुर में 1800 बीघे जमीन घोटाले का मामला सामने आया है। शासन को इसकी जानकारी मिलने के बाद इसकी जांच प्रयागराज के डीएम को सौंप दी गई…

Short Highlights
  • भूमि घोटाले में शामिल जालसाजों ने पूरी जमीन नाम कराने के बाद भूमाफिया तथा बिल्डरों को बेच दी।
  • 1800 बीघे जमीन पर ज्यादातर भूखंड पर भूमाफिया ने प्लॉटिंग कर दी है और उस पर बड़े-बड़े मकान तथा अपार्टमेंट बन गए।
  • जांच प्रयागराज के डीएम को सौंप दी गई है। जिसके लिए डीएम प्रयागराज ने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है।
Prayagraj News : प्रयागराज के फूलपुर में 1800 बीघे जमीन घोटाले का मामला सामने आया है। शासन को इसकी जानकारी मिलने के बाद इसकी जांच प्रयागराज के डीएम को सौंप दी गई है। जिसके लिए डीएम प्रयागराज ने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है। इस भूमि घोटाले में शामिल जालसाजों ने पूरी जमीन नाम कराने के बाद भूमाफिया तथा बिल्डरों को बेच दी। इस 1800 बीघे जमीन पर ज्यादातर भूखंड पर भूमाफिया ने प्लॉटिंग कर दी है और उस पर बड़े-बड़े मकान तथा अपार्टमेंट बन गए हैं।    2015 में एक दिन में जमीन हुई थी दूसरों के नाम  प्रयागराज के फूलपुर में वर्ष 2015 में झूंसी के पास के गावों में 1800 बीघे सरकारी जमीन जो ग्राम समाज के अंतर्गत आती थी।तत्कालीन एसडीएम के आदेश से अलग-अलग लोगों के नाम कर दी गई थी। इसमें खास बात यह रही कि एसडीएम ने एक ही दिन 60 आदेश कर पूरी जमीन दूसरों के हवाले कर दी थी। पूरा मामला सामने आने के बाद शासन ने डीएम को जांच सौंपी है। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। सूत्र के अनुसार प्रथम दृष्टया जांच में यह पाया गया है कि पूरी जमीन सरकार की है। जिसमें ग्राम समाज के तालाब, चारागाह समेत अन्य खाते में जमीन दर्ज है।   संशोधन की आड़ में हुआ खेल  चकबंदी अधिकारी आलोक कुमार के मुताबिक जमीन संशोधन की आड़ में पूरी जमीन दूसरों के नाम कर दी है। खास यह कि सभी मामलों में दो से पांच दिन के भीतर वाद दाखिल किए गए हैं और एसडीएम ने फैसला सुना दिया। जमीन किनके-किनके नाम की गई है उनकी सूची भी जांच कमेटी को मिल गई है। सिर्फ छह भूखंड किनके नाम है यह जानकारी नहीं हो पाई है। प्रारंभिक तौर पर भौतिक सत्यापन में यह भी पाया गया है कि इनमें से ज्यादातर जमीन बाद में भूमाफिया तथा बिल्डरों को बेच दी गई। इसके बाद भूमाफिया तथा बिल्डर ने भी प्लाटिंग करके तथा अपार्टमेंट बनाकर जमीन बेच दी है।

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