हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी : पक्ष में फैसला न आता देख अधिवक्ता बदलने पर कोर्ट नाराज, विश्वनीयता और गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य बताया

UPT | Symbolic Image

May 27, 2024 19:26

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसले के वक्त नए वकील की पैरवी पर नाराजगी जताई और कहा कि यह परंपरा वकालत जैसे सम्मानजनक पेशे के लिए कलंक है...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसले के वक्त नए वकील की पैरवी पर नाराजगी जताई और कहा कि यह परंपरा वकालत जैसे सम्मानजनक पेशे के लिए कलंक है। जिसके बाद कोर्ट ने न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की तल्ख टिप्पणी करने के साथ ही गौतमबुद्ध नगर के शिवकुमार वर्मा की याचिका खारिज कर दी। फिर इसे लेकर बार काउंसिल और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को इस मामले पर गंभीरता से विचार करने और अंकुश लगाने की सलाह दी।

आचरण व्यावसायिक परंपरा के लिए है कलंक
कोर्ट ने इसको लेकर कहा, एक अधिवक्ता की ओर से बहस पूरी करने और अदालत के मंतव्य को भांप कर दूसरे अधिवक्ता का मुकदमा अपने हाथ में लेना विधि व्यवसाय की विश्वसनीयता और गरिमा को ठेस पहुंचाने के समान है। जो हमारे आचरण व्यावसायिक परंपरा के लिए कलंक है।

यह है मामला
बार काउंसिल और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को इससे निपटने के लिए संयुक्त रूप से मंथन करना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि वकालत में शुरू हुई इस परिपाटी को खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। यह गौतम बुद्ध नगर के फेज 2 थाना क्षेत्र का मामला है। दरअसल, व्यावसायिक लेनदेन के दौरान याची और विपक्षी के बीच चेक का आदान प्रदान हुआ था। जहां विपक्षी को याची की ओर से दिया गया आठ लाख का चेक अनादृत हो गया था। आरोप है कि चेक अनादर की सूचना देने पहुंचे विपक्षी को याची ने रुपये देने से इन्कार करने के साथ ही उसके साथ बदसलूकी भी की।

विपक्षी ने भेजा था लीगल नोटिस
इसके बाद विपक्षी ने इस पर लीगल नोटिस भेजा था। जिसका याची ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही उसे  पैसे लौटाए। जिसके बाद विपक्षी ने जिला अदालत में इस पर वाद दाखिल किया था जिसका संज्ञान लेते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट ने याची के खिलाफ समन जारी किया था।

इस बात से है अदालत खफा
याची ने समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। करीब दो वर्ष से लंबित इस मामले के पहले अधिवक्ता ने अपनी बहस पिछली तारीख पर पूरी कर ली थी, लेकिन अदालत की ओर से राहत मिलने की संभावना नजर नहीं आई तो ऐन फैसले की घड़ी में एक अन्य अधिवक्ता ने अपना वकालतनामा दाखिल कर दलील पेश करने की गुजारिश की, जिससे अदालत खफा है।

Also Read