Prayagraj News : यूपी सरकार को झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना, जानें क्यों...

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Apr 19, 2024 13:18

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मध्यस्थता एवं सुलह समझौता अधिनियम की धारा 36 के तहत निस्तारित मामले को सिविल प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 47 के तहत चुनौती देने पर यूपी सरकार पर पांच...

Short Highlights
  • सीआरपीसी की धारा 47 के तहत मध्यस्थता अवार्ड को चुनौती देना अनुचित है।
  • बिजनौर के राजबीर सिंह के खिलाफ यूपी सरकार की अपील को खारिज। 
Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मध्यस्थता एवं सुलह समझौता अधिनियम की धारा 36 के तहत निस्तारित मामले को सिविल प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 47 के तहत चुनौती देने पर यूपी सरकार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायमूर्ति शेखर बी. सर्राफ ने बिजनौर के राजबीर सिंह के खिलाफ दाखिल यूपी सरकार की अपील को खारिज करते हुए यह आदेश दिया है।

ये है पूरा मामला
प्रतिवादी राजबीर सिंह ने बिजनौर में मध्य गंगा नहर के दूसरे चरण की परियोजना के तहत मुख्य नहर पर ड्रेनेज और साइफन के निर्माण का अनुबंध किया था। विवाद होने पर मामला मध्यस्थता न्यायालय पहुंचा, जिसे खारिज कर दिया गया था। उसके बाद प्रकरण हाईकोर्ट पहुंचा। साल 2018 में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष याचिका दाखिल की। जिसे देरी के आधार पर खारिज कर दिया गया। सरकार को समझौता याचिका में राहत भी नहीं मिली। इसके बाद वाणिज्यिक न्यायालय मुरादाबाद में वाद दायर किया गया। कोर्ट ने प्रतिवादी के पक्ष में फैसला करते हुए अवार्ड राशि को ब्याज सहित भुगतान का आदेश दिया। 

हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना
वाणिज्यिक न्यायालय के खिलाफ यूपी सरकार ने सीआरपीसी की धारा 47 के तहत हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे खारिज करते हुए अदालत ने जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 47 के तहत मध्यस्थता अवार्ड को चुनौती देना अनुचित है।

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