ट्रैक्टर-ट्रॉली से हो रहे हादसों पर हाईकोर्ट सख्त : ईंट-बालू जैसी चीजें ढोने पर लगाई रोक, राज्य सरकार से कानून बनाने को कहा

UPT | इलहाबाद हाईकोर्ट।

Mar 14, 2024 22:25

हाईकोर्ट ने कहा कि अक्सर यह देखने में आता है कि जिन ट्रैक्टरों का मुख्य कार्य कृषि है और जिससे खेतों की जुताई, बुआई, कटाई के लिए होता है, उससे अनधिकृत रूप से ईंट, बालू, मोरंग, गिट्टी आदि की दुलाई भी की जाती है।

Short Highlights
  • हाईकोर्ट ने कहा-ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर अंकुश लगाएं ताकि होने वाली दुर्घटना से बचा जा सके
  • याची अधिवक्ता हरीश कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट के फैसले से असहमति जताते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे

 

Prayagaraj News : हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रैक्टर-ट्रॉली का इस्तेमाल केवल कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल करने का कानून बनाने को कहा है। यह आदेश जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच ने दिया। कोर्ट ने फिरोजाबाद के अरांव थानाक्षेत्र में ट्रैक्टर-ट्रॉली से दुर्घटना में मौत के आरोपी संजय की जमानत अर्जी खारिज करते हुए आदेश दिया है। 

कृषि कार्य के लिए होना चाहिए ट्रैक्टर-ट्रॉली का प्रयोग
हाईकोर्ट ने कहा कि अक्सर यह देखने में आता है कि जिन ट्रैक्टरों का मुख्य कार्य कृषि है और जिससे खेतों की जुताई, बुआई, कटाई के लिए होता है, उससे अनधिकृत रूप से ईंट, बालू, मोरंग, गिट्टी आदि की दुलाई भी की जाती है। ट्रैक्टर-ट्रॉली को मुख्य मार्ग व बाजारों के बीचों बीच ले जाया जाता है। ट्रैक्टर की ट्रॉली काफी बड़ी होती है, इससे बाजारों में आवागमन में काफी परेशानी होती है और अक्सर इससे दुर्घटनाएं भी होती हैं।

ट्रॉली की बनावट इस प्रकार होती है कि उसे खेत में ही चलाया जा सकता है, क्योंकि ट्रैक्टर आगे से बहुत छोटा और उसके पीछे लगी ट्रॉली ट्रैक्टर से चार गुना बड़ी होती है। उसमें न तो लाइट लगी होती है और न ही इंडीकेटर होता है। रात में पीछे से दिखाई न देने के कारण अक्सर इससे दुर्घटनाएं होती हैं। अधिकतर ऐसे लोग भी ट्रैक्टर-ट्रॉली चलाते हैं, जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता।

कृषि कार्य के अलावा अन्य कार्यों में उपयोग कानूनी जुर्म
कोर्ट ने कहा कि पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग गैर कृषि कार्यों के लिए किया जाना केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1998 का उल्लघंन है। समय-समय पर परिवहन विभाग द्वारा भी यह बताया जाता है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली को अनावश्यक रूप से मुख्य मार्गों पर न चलाया जाए। ऐसे में परिवहन विभाग से अपेक्षा की जाती है कि इस प्रकार के अनाधिकृत ट्रैक्टर- ट्रॉलियों पर अंकुश लगाएं ताकि इससे होने वाली दुर्घटना से बचा जा सके। साथ ही यह भी सुझाव दिया जाता है कि कृषि कार्य के लिए उपयोग होने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली का इस्तेमाल अनाज ढोने के लिए न करें बल्कि अन्य माल ढोने वाले वाहनों के प्रयोग के लिए किसानों को प्रेरित करें। जरूरत पड़ने पर इस पर कानून भी बनाना पड़े तो इस दिशा में भी विचार करे।

वहीं याची अधिवक्ता हरीश कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट के फैसले से असहमति जताते हुए कहा कि यह संभव नहीं है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क पर ही न उतरे। उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट के इस फैसले को वह सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
   

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