Allahabad High Court : 'कलयुग आ गया'...अलीगढ़ के बुजुर्ग दंपति के केस में हाईकोर्ट को क्यों करनी पड़ी यह टिप्पणी

सोशल मीडिया | इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी

Sep 25, 2024 16:25

बुजुर्ग दंपति के बीच गुजारा भत्ता की कानूनी जंग इलाहाबाद हाईकोर्ट की चौखट तक आ पहुंची है। पत्नी को 5,000 रुपये भरण-पोषण देने संबंधी पारिवारिक न्यायालय के आदेश के खिलाफ पति की याचिका पर हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक टिप्पणी इस समय चर्चा का विषय बन चुकी है। असल में एक बुजुर्ग दंपति का संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है, उस विवाद पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने कहा ‘लगता है कलयुग आ गया है और ऐसी कानूनी लड़ाई चिंता का विषय है'।

टिप्पणी न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने की 
बुजुर्ग दंपति के बीच गुजारा भत्ता की कानूनी जंग इलाहाबाद हाईकोर्ट की चौखट तक आ पहुंची है। पत्नी को 5,000 रुपये भरण-पोषण देने संबंधी पारिवारिक न्यायालय के आदेश के खिलाफ पति की याचिका पर हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोचक टिप्‍पणी करते हुए कहा, 80 साल की उम्र में गुजारा भत्ता की लड़ाई देखकर लगता है कलयुग आ गया है, 75-80 साल के दंपति गुजारा भत्ता पाने के लिए परस्पर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं’। हालांकि, कोर्ट ने पति की याचिका पर प्रतिवादी पत्नी को नोटिस जारी किया है। साथ ही यह उम्मीद जताई है कि अगली तारीख पर दोनों किसी समझौते के साथ आएंगे। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अलीगढ़ निवासी मुनेश कुमार गुप्ता की याचिका की सुनवाई करते हुए की है।
 
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल यह मामला अलीगढ़ का है। वहां 80 साल के मुनेश कुमार गुप्ता स्वास्थ विभाग में सुपरवाइजर के पद से रिटायर हुए हैं। उनकी पत्नी गायत्री देवी (76 वर्ष) के बीच 2018 से दंपति का विवाद चल रहा है। मामले को पुलिस ने परिवार परामर्श केंद्र ट्रांसफर कर दिया है। बता दें कि दोनों पति- पत्नी अलग- अलग रहते हैं।

पत्नी ने आजीविका के लिए मांगे 35 हजार रुपये
गायत्री देवी ने इस मामले को फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल की और कहा कि पति की पेंशन 35 हज़ार के आसपास है। उन्होंने कोर्ट में हर महीने 15 हजार रुपये दिए जाने की मांग की। कोर्ट ने 16 फरवरी को अपने आदेश में 5 हज़ार गुजारा भत्ता देने के लिए कहा। कोर्ट के इस फैसले को पति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और ये टिप्पणी की।

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