महाकुंभ 2025 : निरंजनी अखाड़े के पांच नए महामंडलेश्वर का पट्टाभिषेक, संत समाज ने दी शुभकामनाएं

UPT | महामण्डलेश्वरों पे फूलों की बारिश करते संत समाज और पीठाधीश्वर

Jan 18, 2025 21:22

महाकुंभ 2025 के अवसर पर निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की अध्यक्षता में पांच संतों का महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक किया गया।

Prayagraj News : महाकुंभ 2025 के अवसर पर निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की अध्यक्षता में पांच संतों का महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक किया गया। इसमें दो महिला और तीन पुरुष संत शामिल हैं। पट्टाभिषेक समारोह अखाड़े की छावनी में वैदिक मंत्रोच्चार और परंपरागत विधि-विधान के साथ आयोजित किया गया। संतों को तिलक और चादर प्रदान कर पद पर अभिषिक्त किया गया। इस अवसर पर देश भर के संत-महात्माओं ने नव-नियुक्त महामंडलेश्वरों को आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं।

महामंडलेश्वर बनने वाले संतों में शामिल
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने जानकारी दी कि स्वामी कृष्णानंद पुरी (चंडीगढ़), स्वामी आदि योगी पुरी (ऋषिकेश, उत्तराखंड), स्वामी भगवती पुरी माता (मुंबई, महाराष्ट्र), साध्वी मीरा गिरी (किशनगढ़, राजस्थान) को महामंडलेश्वर पद पर अभिषिक्त किया गया। उन्होंने कहा कि संत समाज हमेशा देश को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।



महामंडलेश्वर का महत्व और जिम्मेदारियां
महामंडलेश्वर का पद धार्मिक तप, साधना और समाज सेवा में विशिष्ट योगदान देने वाले संतों को दिया जाता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया कि महामंडलेश्वर बनने वाले संतों पर धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक जिम्मेदारियां होती हैं। यह पद संतों को न केवल व्यक्तिगत आचरण में आदर्श बनाता है, बल्कि समाज और संप्रदाय के प्रति मार्गदर्शन का दायित्व भी सौंपता है।

Also Read