शबनम शेख पहुंची महाकुंभ : संगम में लगाई आस्था की डुबकी, जगतगुरु परमहंस आचार्य के पहुंची शिविर

UPT | जगतगुरु परमहंस आचार्य के शिविर में बैठी शबनम शेख और उनके साथी

Jan 22, 2025 11:32

अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सुर्खियां बटोरने वाली शबनम ने इस बार महाकुंभ में पहुंचकर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और कई सनातनी अनुष्ठानों में भाग लिया...

Prayagraj News : प्रयागराज महाकुंभ 2025 में मुंबई की 23 वर्षीय मुस्लिम युवती शबनम शेख ने आस्था और श्रद्धा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सुर्खियां बटोरने वाली शबनम ने इस बार महाकुंभ में पहुंचकर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और कई सनातनी अनुष्ठानों में भाग लिया।   संगम में डुबकी और संतों का आशीर्वाद शनिवार को महाकुंभ क्षेत्र में पहुंची शबनम शेख ने तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य के शिविर में ठहराव किया। सेक्टर 16 स्थित इस शिविर में शबनम ने विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया और संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। शिविर में पहुंचने पर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने उनका स्वागत फूलों की बारिश के साथ किया।   त्रिवेणी संगम में स्नान करने के बाद शबनम ने बताया कि यहां की दिव्यता और श्रद्धा का अनुभव उनके लिए अद्वितीय है। पहली बार महाकुंभ में शामिल होने पर उन्होंने यहां की भव्यता और यूपी सरकार की व्यवस्थाओं को सराहा।   सनातन के प्रति आस्था और सम्मान शबनम ने महाकुंभ में निडर होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मुस्लिम परिवार की परंपरागत पोशाक और नकाब पहनकर आई शबनम को संतों और शिविरों में गर्मजोशी से स्वागत मिला। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री को लेकर जो बहस चल रही थी, उसके बावजूद उन्हें कहीं कोई डर महसूस नहीं हुआ। हर किसी ने उन्हें सम्मान और स्नेह दिया।   शबनम ने महाकुंभ में यज्ञ में भाग लेकर अपनी श्रद्धा प्रकट की और कहा कि यहां के संत-महात्माओं से मिलने और संगम स्नान से उन्हें दिव्य अनुभूति हुई। महाकुंभ क्षेत्र में दो दिन बिताने के बाद शबनम शेख मुंबई लौट गईं। हालांकि, उन्होंने फरवरी में फिर से महाकुंभ आने का मन बनाया है।   जगतगुरु परमहंस आचार्य का संदेश तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने शबनम शेख की आस्था को समाज के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा, "शबनम शेख जैसी बेटियां समाज को जोड़ने का काम करती हैं। वह इस्लाम धर्म से जुड़ी हैं लेकिन सनातन धर्म के प्रति उनके मन में जो श्रद्धा और सम्मान है, वह अद्वितीय है। महाकुंभ में ऐसे श्रद्धालुओं का स्वागत है। विरोध केवल उन लोगों से है जो गलत मंशा से यहां आते हैं।"   अयोध्या से महाकुंभ तक आस्था का सफर गौरतलब है कि शबनम शेख पहले भी अपनी आस्था के चलते सुर्खियों में रह चुकी हैं। पिछले साल अयोध्या में रामलला के मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में उन्होंने पैदल यात्रा कर हिस्सा लिया था। उनकी इस आस्था ने देशभर में चर्चा बटोरी थी।   सुरक्षा कारणों से गुप्त रही यात्रा महाकुंभ में पहुंचने से पहले शबनम ने अपनी यात्रा को सुरक्षा कारणों से गुप्त रखा। हालांकि, महाकुंभ में उनकी उपस्थिति और श्रद्धा ने यहां उपस्थित संतों और श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया।

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