महाकुंभ 2025 : पौष पूर्णिमा के अमृत स्नान के साथ शुरू होगा कल्पवास, 40 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Jan 12, 2025 19:35

महाकुम्भ 2025 का आयोजन तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के तट पर होने जा रहा है, जहां सनातन धर्म के अनुयायी इस धार्मिक महापर्व में भाग लेंगे। अनुमान है कि इस महाकुम्भ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे...

Prayagraj News : महाकुम्भ 2025 का आयोजन तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के तट पर होने जा रहा है, जहां सनातन धर्म के अनुयायी इस धार्मिक महापर्व में भाग लेंगे। अनुमान है कि इस महाकुम्भ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे, जो गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान करेंगे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर महाकुम्भ की प्राचीन परंपरा के अनुसार कल्पवास करेंगे। पौराणिक मान्यता के अनुसार, श्रद्धालु एक माह तक संगम तट पर तपस्वी जीवन जीते हुए कल्पवास करेंगे।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम
महाकुम्भ के इस महापर्व की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से होगी, जब श्रद्धालु कल्पवास की शुरूआत करेंगे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इन प्रयासों के तहत, लाखों श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कठिनाई से बचाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक बनता है।



10 लाख श्रद्धालु करेंगे कल्पवास 
महाकुम्भ सनातन आस्था का सबसे बड़ा आयोजन होने के साथ बहुत सी सनातन परंपराओं का वाहक भी है। इसमें से महाकुम्भ की एक महत्वपूर्ण परंपरा है संगम तट पर कल्पवास करना। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार कल्पवास, पौष पूर्णिमा की तिथि से शुरू हो कर माघ पूर्णिमा की तिथि तक पूरे एक माह तक किया जाता है।

नियम और संकल्पपूर्वक करते हैं निवास
इस महाकुम्भ में कल्पवास 13 जनवरी से शुरू होकर 12 जनवरी तक संगम तट पर किया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार कल्पवास में श्रद्धालु नियमपूर्वक, संकल्पपूर्वक एक माह तक संगम तट पर निवास करते हैं। वो कल्पवास के दौरान श्रद्धालु तीनों काल गंगा स्नान कर, जप, तप, ध्यान, पूजन और सत्संग करते हैं। महाकुम्भ 2025 में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के कल्पवास करने का अनुमान है। 

मेला प्राधिकरण ने की सारी व्यवस्था 
महाकुम्भ की विशेष परंपरा कल्पवास का निर्वहन करने के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र में गंगा जी के तट पर झूंसी से लेकर फाफामऊ तक लगभग 1.6 लाख टेंट, कल्पवासियों के लिए लगवाए गये हैं। इन सभी कल्पवासियों के टेंटों के लिए बिजली, पानी के कनेक्शन के साथ शौचालयों का निर्माण करवाया गया है। कल्पवासियों को अपने टेंट तक आसानी से पहुंचने के लिए चेकर्ड प्लेटस् की लगभग 650 किलोमीटर की अस्थाई संडकों और 30 पांटून पुलों का निर्माण किया गया है।

कल्पवासियों को मिलेगा सस्ता राशन-सिलेंडर
इसके साथ ही कल्पवासियों को महाकुम्भ में सस्ती दर पर राशन और सिलेंडर भी उपल्ब्ध करवाया जाएगा। कल्पवासियों के गंगा स्नान के लिए घाटों के निर्माण किया गया है। उनकी सुरक्षा के लिए जलपुलिस और गंगा नदी में बैरीकेड़िंग भी की गई है। ठंड से बचाव के लिए अलाव और स्वास्थ संबंधी समस्या दूर करने के लिए मेला क्षेत्र में अस्पतालों का भी निर्माण किया गया है। कल्पवास का पूजन करवाने वाले तीर्थपुरोहित, प्रयागवालों को भी विशेष सुविधाएं दी गई हैं।

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