अतीक अहमद की जमीन पर बनेगा संप्रेक्षण गृह : सीएम योगी ने दिया निर्देश, माफिया ने राजमिस्त्री के नाम खरीदी...

UPT | अतीक अहमद की जमीन पर बनेगा संप्रेक्षण गृह

Jul 21, 2024 13:09

प्रयागराज में एयरपोर्ट के पास स्थित कटहुला गौसनगर में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर एक महिला संप्रेक्षण गृह का निर्माण किया जाएगा...

Prayagraj News : प्रयागराज में एयरपोर्ट के पास स्थित कटहुला गौसनगर में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर एक महिला संप्रेक्षण गृह का निर्माण किया जाएगा। यह संप्रेक्षण गृह मथुरा में संचालित कृष्णा कुटीर महिला आश्रय के मॉडल पर बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में महाकुंभ की समीक्षा बैठक और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के घर आयोजित विवाह समारोह के दौरान इस निर्माण की मंजूरी दी और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

सीएम योगी ने दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में आयोजित बैठक के दौरान पीडीए अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस भूमि पर एक संप्रेक्षण गृह का निर्माण किया जाए, जहां असहाय महिलाएं, बच्चियां और बुजुर्गों को आश्रय मिल सके। इस संप्रेक्षण गृह में मथुरा के कृष्णा कुटीर महिला आश्रम की तरह सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।



50 करोड़ रुपये की जमीन
बताया जा रहा है कि 2020 में माफिया अतीक अहमद के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज गैंगस्टर मामले की जांच के दौरान पता चला कि अतीक ने 2015 में अनुसूचित जाति के गरीब राजमिस्त्री हुबलाल के नाम से कटहुला गौसपुर में एयरपोर्ट के पास 2.34 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। इस जमीन की सरकारी कीमत लगभग 12.42 करोड़ रुपये है, जबकि बाजार मूल्य करीब 50 करोड़ रुपये आंका गया है। हुबलाल ने पुलिस को बताया कि अतीक के डर के चलते उसने इस जमीन को अपने नाम पर खरीदने का विरोध नहीं किया। पुलिस ने पहले इस जमीन को खाली करवा लिया था और अब इसे विधिवत शासन के नाम पर दर्ज कर दिया गया है।

अहमद के कब्जे से मुक्त की गई जमीन
गौरतलब है कि लूकरगंज में अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त की गई जमीन पर पीडीए ने गरीबों के लिए आवास बनाए हैं, जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री ने किया था। आवासों का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री ने किया था और आवंटियों को आवास की चाबी सौंपी थी।

कौन है अतीक अहमद
अतीक अहमद का जन्म इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में 1962 में हुआ था। अतीक का बचपन गरीबी में बीता, लेकिन वह हमेशा से महत्वाकांक्षी था। उसके पिता हाजी फिरोज एक तांगा चालक थे और अपराध की दुनिया में उनका भी नाम था। अतीक ने अपने पिता की तरह ही अपराध की राह पर कदम रखा और जल्दी ही अपराध की दुनिया में एक प्रमुख नाम बन गया। जब अतीक केवल 17 साल का था, तब उसके खिलाफ हत्या का आरोप लगाया गया था। समय के साथ, अतीक का नाम अपराध की दुनिया में लगातार उभरता गया। रंगदारी, जमीन पर कब्जा और हत्या जैसे कई मामलों में उसका नाम सामने आया, लेकिन कानूनी चक्रव्यूह में वह हर बार बच निकलता था।

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