UPPCS-J 2022 में धांधली : दो अभ्यर्थियों के चयन रद्द करने पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब

UPT | Allahabad High Court

Sep 14, 2024 16:47

UPPSC की PCS-J 2022 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में अनियमितताओं की शिकायतों पर आयोग की सिफारिशों को लेकर हाईकोर्ट ने फिर से राज्य सरकार से जवाब मांगा है...

Prayagraj News : UPPSC की PCS-J 2022 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में अनियमितताओं की शिकायतों पर आयोग की सिफारिशों को लेकर हाईकोर्ट ने फिर से राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि आयोग ने जिन दो चयनित अभ्यर्थियों को चयन सूची से बाहर किया और दो नए अभ्यर्थियों को चयन में शामिल करने की सिफारिश की, इस पर राज्य सरकार ने क्या निर्णय लिया है। राज्य सरकार को इस मुद्दे पर अपना जवाब पेश करने के लिए कोर्ट ने समय दिया है।

30 सितंबर को अगली सुनवाई
अभ्यर्थी श्रवण पांडे ने मामले में सीबीआई जांच और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस पर कोर्ट ने अभ्यर्थी की ओर से पेश की गई संशोधन याचिका पर सरकार से जवाब देने के लिए कहा है। विशेष रूप से, कोर्ट ने इस याचिका पर सरकार से स्पष्ट उत्तर देने को निर्देशित किया है। साथ ही, कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक मामले की सुनवाई जारी रहे, तब तक परीक्षा से संबंधित सभी रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जाए। श्रवण पांडे की याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। उन्होंने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगली डेट 30 सितंबर रखी है।

श्रवण पांडे के अधिवक्ता ने आयोग उठाए सवाल
श्रवण पांडे के अधिवक्ता, वरिष्ठ वकील एस.एफ.ए. नकवी ने कोर्ट में आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि आयोग ने पहले 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़ती जा रही है। नकवी ने कहा कि इनमें से दो अभ्यर्थी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं, जबकि आयोग ने दो और अभ्यर्थियों के चयन की सिफारिश की है। उन्होंने यह भी बताया कि कई अन्य अभ्यर्थी भी याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि गड़बड़ी की संख्या आयोग द्वारा बताई गई संख्या से कहीं अधिक है। नकवी ने यह आरोप लगाया कि यह एक बड़ा घोटाला है और आयोग ने पहले सात लोगों का परिणाम रद्द करने की बात की थी, लेकिन बाद में छह की सूची जारी की और अंतत केवल दो अभ्यर्थियों के चयन की सिफारिश की। इस प्रकार, आयोग ने लगातार अपने रुख में बदलाव किया है।

कोर्ट ने आयोग से भी किया सवाल
सुनवाई के दौरान, दो अन्य अभ्यर्थियों के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में यह सूचित किया कि वे भी याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं। कोर्ट ने जवाब दिया कि उनकी याचिका दाखिल होने के बाद ही उस पर विचार किया जाएगा। इस बीच, श्रवण पांडे के अलावा, दो अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई की गई। हाईकोर्ट ने पहले के सुनवाई के दौरान आयोग द्वारा परिणामों में संशोधन पर सवाल उठाए। आयोग ने दो अभ्यर्थियों को चयन से बाहर करने और दो अन्य को चयन में शामिल करने की सिफारिश की थी। कोर्ट ने पूछा कि आयोग को यह अधिकार कहां से मिला और यदि ऐसा है, तो इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

राज्य सरकार ने की अतिरिक्त समय की मांग
शुक्रवार को आयोग ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने अतिरिक्त समय की मांग की। इस पर कोर्ट ने सुनवाई को 30 सितंबर तक स्थगित करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं दो महीने पहले यह जानकारी सामने आई कि UP PCS-J 2022 में 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी की गई थी। इसके अलावा, उत्तर पुस्तिकाओं के कोडिंग में भी छेड़छाड़ की गई थी। यह खुलासा तब हुआ जब अभ्यर्थी श्रवण पांडे ने हाईकोर्ट में मामला दायर किया और इसके बाद जांच की गई।

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