ऑथर Asmita Patel

Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारी जोरों पर, तीन दिवसीय कुंभ कॉन्क्लेव का आयोजन

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Nov 02, 2024 11:52

महाकुंभ का आयोजन संस्कृति और परंपरा का अद्वितीय संगम है। जहां देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। यह भारतीय संस्कृति...

Prayagraj News : प्रयागराज की पावन और भव्य धरती पर 12 वर्षों के बाद 2025 में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। यह दिव्य संयोग भारतीय संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पहले 2013 में संगम पर महाकुंभ का आयोजन किया गया था। इस बार का महाकुंभ न केवल आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करेगा बल्कि इसे सफल और भव्य बनाने के लिए सरकार और प्रयागराज प्रशासन ने व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। 

महाकुंभ की विशेषता
महाकुंभ का आयोजन संस्कृति और परंपरा का अद्वितीय संगम है। जहां देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। यह भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक विविधताओं का परिचायक होता है। इतना ही नहीं यूनेस्को ने भी इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।

कुंभ कॉन्क्लेव का आयोजन
महाकुंभ को सफल और प्रेरणादायक अनुभव बनाने के लिए प्रयागराज में 25 से 27 नवंबर तक तीन दिवसीय कुंभ कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम शहर के एमएनआईटी में होगा जो कि विभिन्न प्रमुख संस्थाओं के सहयोग से संचालित किया जाएगा। कॉन्क्लेव का आयोजन इंडिया थिंक काउंसिल द्वारा किया जा रहा है। जो कि भारत का अग्रणी थिंक टैंक है। प्रोफेसर रवि प्रकाश तिवारी ने कहा कि इस सम्मेलन में प्रयागराज मेला प्राधिकरण उत्तर प्रदेश पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ विभाग, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय, एमएनआईटी और अन्य केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों के सहयोग से आगे बढ़ाया जाएगा।

सहभागिता और प्रमाणपत्र
इस कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले लोगों को इंडिया थिंक काउंसिल द्वारा एक प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। प्रतिभागी www.indiathink.org/kumbh2024 पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। परिषद का उद्देश्य महाकुंभ की विशेषताओं, वैश्विक ख्याति और इसके संवाद एवं विमर्श परंपरा को आधुनिक संदर्भ में पेश करना है। इस आयोजन में कुल 10 तकनीकी सत्र होंगे, जहाँ विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

कुंभ की भव्यता और दिव्यता का संदेश
इस कुंभ कॉन्क्लेव का एक प्रमुख उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं और प्रतिभागियों को महाकुंभ की भव्यता, दिव्यता और आध्यात्मिकता का संदेश दिया जा सके। इससे न केवल स्थानीय जनसामान्य बल्कि विश्वभर में इस महाकुंभ के प्रति एक सकारात्मक सोच विकसित होगी।

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