राजस्थान से आए श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में व्यवस्थाओं को सराहा : नाच-गाकर जताई खुशी, नृत्य और रंग-बिरंगे परिधानों से बढ़ाया आकर्षण

UPT | राजस्थान से आए श्रद्धालुओं की फोटो

Jan 14, 2025 12:32

महाकुंभ 2025 में राजस्थान से आए श्रद्धालुओं ने कुंभ मेले की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।

Prayagraj News : महाकुंभ 2025 में राजस्थान से आए श्रद्धालुओं ने कुंभ मेले की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस बार मेले की साफ-सफाई, सुरक्षा और सुविधाओं में जबरदस्त सुधार हुआ है। इसके साथ ही, राजस्थान के इन श्रद्धालुओं ने अपने नृत्य और संगीत के जरिए कुंभ में आए अन्य श्रद्धालुओं को अपनी समृद्ध सभ्यता और परंपरा से भी परिचित कराया।

महाकुंभ में राजस्थानी संस्कृति का प्रदर्शन 
राजस्थान के श्रद्धालुओं ने महाकुंभ मेले में अपनी सांस्कृतिक धरोहर का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने मेले में विभिन्न स्थानों पर राजस्थानी लोकगीत गाए और घूमर नृत्य प्रस्तुत किया। इनके पारंपरिक पहनावे और रंग-बिरंगे परिधानों ने मेले में एक अलग ही आकर्षण जोड़ा। एक श्रद्धालु, जोधपुर से आई ममता देवी ने बताया, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम कुंभ जैसे पवित्र अवसर पर अपनी संस्कृति को दिखा पा रहे हैं। लोग हमारे नृत्य और गीतों को देखकर काफी खुश हैं।"

व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ 
श्रद्धालुओं ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस बार गंगा घाटों की स्वच्छता और शौचालयों की उपलब्धता बहुत अच्छी है। जयपुर से आए मोहनलाल शर्मा ने कहा, "पहले ऐसा कभी नहीं देखा। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस और प्रशासन का काम काबिले तारीफ है।"

योगी-मोदी को दिया धन्यवाद
श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में महा कुंभ का आयोजन बेहद व्यवस्थित और भव्य हो रहा है। सरकार ने श्रद्धालुओं की हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखा है।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम बना महाकुंभ 
राजस्थान से आए श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में न केवल अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया, बल्कि अन्य राज्यों के लोगों की संस्कृति को भी करीब से देखा। इस आदान-प्रदान से सभी ने एकता और भाईचारे का अनुभव किया।

देश-विदेश के पर्यटक हुए आकर्षित
राजस्थानी सभ्यता और कला ने न केवल भारतीय श्रद्धालुओं बल्कि विदेशी पर्यटकों का भी ध्यान खींचा। कई विदेशी पर्यटक राजस्थानी लोकगीतों और नृत्य को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए। 

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