यूपी एचजेएस-2023 की परीक्षा स्थगित : PCS एग्जाम के कारण HJS की तिथि आगे बढ़ी, नई तारीख की प्रतीक्षा

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Nov 14, 2024 12:12

परीक्षा के स्थगित होने के पीछे की एक बड़ी वजह 7 और 8 दिसंबर को आयोजित होने वाली पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा है। यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस परीक्षा भी इन्हीं तारीखों पर आयोजित की जा रही है

Prayagraj News : उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा (UPHJS) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा, जो कि आठ दिसंबर को आयोजित होने वाली थी, अब स्थगित कर दी गई है। यह सूचना इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी किए गए एक आधिकारिक पत्र में दी गई है। इस फैसले के पीछे अपरिहार्य कारण बताए गए हैं और परीक्षा की नई तिथि के लिए अगली सूचना का इंतजार किया जाएगा। इस निर्णय ने उन हजारों अभ्यर्थियों को चौंका दिया है जो इस परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए थे।

पीसीएस परीक्षा के कारण एचजेएस परीक्षा स्थगित
इस परीक्षा के स्थगित होने के पीछे की एक बड़ी वजह 7 और 8 दिसंबर को आयोजित होने वाली पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा है। यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस परीक्षा भी इन्हीं तारीखों पर आयोजित की जा रही है जिससे अभ्यर्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो और दोनों परीक्षाओं में किसी भी प्रकार का टकराव न हो, इसे ध्यान में रखते हुए एचजेएस परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इस टकराव के चलते ही उच्चतर न्यायिक सेवा की परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया।

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83 पदों पर भर्ती की जानी थी
उच्चतर न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हुई थी और यह 15 मई 2023 तक चली थी। इस परीक्षा के माध्यम से कुल 83 पदों पर भर्ती की जानी थी। चयन प्रक्रिया में प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के चरण शामिल हैं। प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन अभ्यर्थियों की बुनियादी योग्यता का आकलन करने के लिए होता है और इसके बाद मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में उच्च स्तर के विधि ज्ञान का परीक्षण होता है। इन पदों में से 35 पद अनारक्षित वर्ग के लिए, 22 पद ओबीसी, 8 पद ईडब्ल्यूएस, 17 पद एससी और 1 पद एसटी वर्ग के लिए निर्धारित किए गए थे। इस परीक्षा के लिए उम्मीदवार का विधि स्नातक होना आवश्यक था और साथ ही 7 वर्षों की अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस का अनुभव भी मांगा गया था। इस परीक्षा के माध्यम से उच्चतम न्यायिक सेवा में भर्ती होने वाले अभ्यर्थी न्यायाधीशों के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति पाते हैं, जिससे न्यायपालिका में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।

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