यूपीपीसीएस की परीक्षा एक दिन में होगी : छात्रों का आंदोलन रंग लाया, आरओ-एआरओ के लिए कमेटी बनेगी

UPT | छात्रों का आंदोलन रंग लाया।

Nov 14, 2024 18:13

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने एक अहम फैसला लिया है, जिसमें आयोग ने अपनी पहले की घोषणा से पलटते हुए छात्रों की प्रमुख मांगों को स्वीकार किया। यह फैसला उन हजारों छात्रों के लिए...

Prayagraj News : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने एक अहम फैसला लिया है। जिसमें आयोग ने अपनी पहले की घोषणा से पलटते हुए छात्रों की प्रमुख मांगों को स्वीकार किया। अब प्रारंभिक परीक्षा एक दिन एक शिफ्ट में ही होगी। यह फैसला उन हजारों छात्रों के लिए राहत लेकर आया है। जो आयोग के पिछले निर्णय से नाखुश थे और इसे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

सीएम योगी के आदेश पर फैसला
प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या और उनके विरोध को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया और आयोग को छात्रों की समस्याओं पर ध्यान देने की सलाह दी। इसके बाद जिलाधिकारी और यूपीपीसीएस सचिव ने छात्रों के बीच आकर लाउडस्पीकर से इस फैसले की घोषणा की। जिलाधिकारी ने कहा, "सीएम योगी के आदेश पर, आयोग ने छात्रों की मांगों को स्वीकार करते हुए परीक्षा के आयोजन का तरीका बदलने का निर्णय लिया है। अब यूपीपीसीएस परीक्षा एक दिन और एक शिफ्ट में ही होगी, जैसा पहले हुआ करता था। जल्द ही आयोग इस संबंध में आधिकारिक नोटिस जारी करेगा।"

छात्रों की मुख्य मांग और विरोध
हाल ही में यूपीपीसीएस परीक्षा के आयोजन को लेकर किए गए बदलावों के बाद छात्रों में असंतोष फैल गया था। UPPSC ने पहले परीक्षा को दो दिनों तक और दो शिफ्टों में कराने का निर्णय लिया था। जिसके खिलाफ छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। छात्रों का कहना था कि इस बदलाव से उनकी तैयारी पर असर पड़ेगा और परीक्षा का आयोजन पहले की तरह एक दिन और एक शिफ्ट में ही होना चाहिए। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया था कि दो शिफ्टों में परीक्षा कराना उनके लिए मानसिक दबाव पैदा करेगा और समय की कमी भी होगी। विरोध के बाद छात्रों ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

जानिए क्या है मामला
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्री परीक्षा के आयोजन के लिए कई बदलाव किए हैं। पहले 17 मार्च को यह परीक्षा आयोजित होनी थी, लेकिन अचानक उसे रद्द कर दिया गया। फिर 27 अक्टूबर को नई तारीख आई, लेकिन वह भी रद्द हो गई। अब आयोग ने 7 और 8 दिसंबर को पीसीएस प्री परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय लिया है, जो दो दिन के दौरान दो अलग-अलग शिफ्टों में होगी। इस निर्णय ने अभ्यर्थियों को नाराज कर दिया, क्योंकि उनका कहना है कि परीक्षा एक ही दिन में होनी चाहिए, न कि दो दिन में। इससे जुड़ी दूसरी समस्या है 'मानकीकरण' (Normalization) प्रक्रिया... जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न शिफ्टों में आयोजित परीक्षाओं में आए अंकों में असमानता को ठीक किया जा सके। यह प्रक्रिया काफी विवादित हो गई है, क्योंकि आयोग की वेबसाइट पर इस प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है, जबकि आयोग के नोटिफिकेशन में इसका एक संभावित फॉर्मूला साझा किया गया है।

नॉर्मलाइजेशन (Normalization) क्या है?
जब कोई परीक्षा अलग-अलग दिन आयोजित की जाती है तो हर दिन के प्रश्न पत्र में थोड़ी भिन्नता हो सकती है। जिससे किसी छात्र को फायदा या नुकसान हो सकता है। ऐसे में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू की जाती है ताकि हर परीक्षा शिफ्ट में मिले अंक समान रूप से मापे जा सकें। इस प्रक्रिया में एक औसत स्कोर निर्धारित किया जाता है और फिर छात्रों के अंकों का प्रतिशत तय किया जाता है। ऐसा किया जाता है ताकि हर शिफ्ट में दिए गए प्रश्नपत्र की कठिनाई के स्तर के हिसाब से सभी अभ्यर्थियों का सही मूल्यांकन हो सके। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर छात्रों में असंतोष है, क्योंकि आयोग की ओर से इसका कोई आधिकारिक फॉर्मूला नहीं दिया गया है और इस पर पूरी तरह से भरोसा करना मुश्किल है। इसके कारण छात्रों के मन में संदेह उत्पन्न हो गया है।

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