Muzaffarnagar News : मुस्लिम छात्र को थप्पड़ लगवाने वाली शिक्षिका को हाईकोर्ट से झटका, जा सकती हैं जेल

UPT | महिला टीचर।

Dec 06, 2024 00:30

मुजफ्फरनगर में क्लास रूम के भीतर ही मुस्लिम बच्चे को अन्य बच्चों से थप्पड़ लगवाने वाली शिक्षक को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जोरदार...

Muzaffarnagar News : मुजफ्फरनगर में क्लास रूम के भीतर ही मुस्लिम बच्चे को अन्य बच्चों से थप्पड़ लगवाने वाली शिक्षक को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जोरदार झटका लगा है। न्यायालय ने टीचर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।



जेल जाने का खतरा
न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की अदालत ने टीचर तृप्ति त्यागी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति ने उन्हें इस आदेश की तिथि से दो सप्ताह के भीतर संबंधित अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने और नियमित जमानत याचिका के लिए अर्जी दायर करने का निर्देश दिया है। हालांकि एक बार निचली अदालत से भी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने से शिक्षक पर जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है।

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हाईकोर्ट ने फैसले को सही बताया
कोर्ट ने 23 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि दो हफ्ते की अवधि या याचिकाकर्ता के निचली अदालत के समक्ष सरेंडर करने के समय तक उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीड़ित पक्ष के वकील कामरान जैदी ने बताया कि अधीनस्थ न्यायालय 16 अक्टूबर को पहले ही आरोपी अध्यापिका की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर चुका है और अब हाईकोर्ट ने भी फैसले को सही ठहराया है।

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सांप्रदायिक टिप्पणी करती हुई नजर आ रही थी त्यागी
अभियोजन पक्ष के मुताबिक पुलिस ने आरोपी अध्यापिका तृप्ति त्यागी के खिलाफ तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा- 323, 504 और 295ए सहित अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, किशोर न्याय अधिनियम की धारा- 75 के तहत भी अध्यापिका के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। पिछले वर्ष अगस्त में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें खुब्बापुर गांव में टीचर त्यागी दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को एक मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मारने का निर्देश देती और सांप्रदायिक टिप्पणी करती हुई नजर आ रही थी।

शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया था 
पुलिस ने इस घटना को लेकर टीचर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जबकि विद्यालय को भी प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने 10 नवंबर, 2023 को पीड़ित बच्चे की काउंसलिंग कराने का आदेश दिया था, जिसका पालन नहीं करने के लिए प्रदेश सरकार को फटकार भी लगाई थी।

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