बीएचयू में डी.लिट और डीएससी कोर्स बंद : ग्लोबल रैंकिंग में योगदान न होने पर लिया गया फैसला, कई प्रतिष्ठित विद्वानों ने ली थी उपाधि

UPT | BHU सिंह द्वार

Nov 18, 2024 21:13

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में एकेडमिक काउंसिल की बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया, जिसमें डी.लिट और डीएससी कोर्स को बंद करने का फैसला किया गया है।

Varanasi News : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में एकेडमिक काउंसिल की बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया, जिसमें डी.लिट और डीएससी कोर्स को बंद करने का फैसला किया गया है। इस निर्णय का कारण यह बताया गया कि इन कोर्सेज का बीएचयू की ग्लोबल रैंकिंग में कोई महत्वपूर्ण योगदान नहीं है और रिसर्च के लिए दी गई एक साल की अवधि काफी कम है।

डी.लिट और डीएससी कोर्स बंद करने का प्रस्ताव
बीएचयू में डी.लिट और डीएससी कोर्स बंद करने का प्रस्ताव विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी की अध्यक्षता में बनाई गई एक जांच कमेटी के सामने रखा गया था। इस कमेटी में यह निष्कर्ष निकला कि इन दोनों कोर्सेज की अवधि में गुणवत्ता परक रिसर्च संभव नहीं हो पा रहा था। इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इन कोर्सेज का कोई विशेष स्थान नहीं है, जिससे उनकी प्रासंगिकता और भी कम हो गई है। इस कारण से बीएचयू ने इन कोर्सेज को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया।

प्रासंगिकता और रैंकिंग सुधार पर जोर
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि डी.लिट और डीएससी कोर्स से विश्वविद्यालय की रैंकिंग पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। इन कोर्सेज के तहत शोधकर्ताओं को केवल एक साल का समय दिया जाता है, जो उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च के लिए पर्याप्त नहीं माना गया। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय स्तर पर इन कोर्सेज की प्रासंगिकता घटती जा रही है, जिसके कारण इनको बंद करना एक आवश्यक कदम समझा गया।

मानद उपाधियों पर कोई निर्णय नहीं
बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि बीएचयू में डी.लिट और डीएससी की उपाधि दो तरीकों से दी जाती है — एक तो नियमित रूप से और दूसरा मानद उपाधि के रूप में। हालांकि, बैठक में केवल नियमित उपाधियों को ही बंद करने का निर्णय लिया गया है। मानद उपाधियों पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है और आगे की बैठकों में इस पर विचार हो सकता है।



पिछली बैठक में ही पास हो चुका था प्रस्ताव
बीएचयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्रा ने बताया कि डी.लिट और डीएससी कोर्सेज को बंद करने का प्रस्ताव पिछले ही एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पास कर दिया गया था। मई-जून में आयोजित बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगाई गई थी। हाल की बैठक में भी इसी प्रस्ताव को दोहराया गया और सभी सदस्यों ने इसे सहमति प्रदान की।

कई प्रतिष्ठित विद्वानों ने ली थी उपाधि
बीएचयू में डी.लिट और डीएससी की उपाधियां कई प्रतिष्ठित विद्वानों ने ग्रहण की हैं। इनमें 87 साल की उम्र में ऋग्वेद की नई शाखा पर रिसर्च करने वाले डॉ. अमलधारी सिंह का नाम प्रमुख है। इसके अलावा, संगीत के क्षेत्र में डॉ. विधि नागर, कोविड काल में दिवंगत भूगोलवेत्ता प्रो. रवि शंकर सिंह, अर्थशास्त्री डॉ. अनूप मिश्रा और आर्कियोलॉजिस्ट डॉ. सचिन तिवारी ने भी बीएचयू से डी.लिट की उपाधि प्राप्त की है।

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