Varanasi News : मैं वैकुंठ धाम जा रहा हूं, परिजनों से बोलकर दक्षिण भारतीय ने गंगा में लगाई छलांग... 

UPT | मोक्ष के लिए कर्नाटका के व्यक्ति ने गंगा में लगाई छलांग।

Jan 11, 2025 15:59

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी मोक्ष की नगरी भी है। लोग मोक्ष पाने के लिए जीवन के अंतिम समय काशी में वास करते हैं। इसी धारणा को लेकर लोग आत्महत्या भी कर लेते हैं। अब दक्षिण भारत के निवासी एक व्यक्ति ने मोक्ष की प्राप्ति के लिए गंगा में...

Varanasi News : बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी मोक्ष की नगरी भी है। लोग मोक्ष पाने के लिए जीवन के अंतिम समय काशी में वास करते हैं। इसी धारणा को लेकर लोग आत्महत्या भी कर लेते हैं। अब दक्षिण भारत के निवासी एक व्यक्ति ने मोक्ष की प्राप्ति के लिए गंगा में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले व्यक्ति ने अपने परिजनों से बात की। उसने कहा कि वह वैकुंठ धाम जा रहा है। इसके बाद परिजनों को उसकी मौत की सूचना मिली। 

मोक्ष के लिए आया था काशी
वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध तुलसी घाट पर रात 12 बजे के आसपास कर्नाटक के नेहरू कॉलोनी वेलेरी निवासी 65 वर्षीय गोविंद दर्शन पूजन करने काशी पहुंचे थे। वह पिछले कई दिनों से गुरुबाग स्थित होटल में ठहरे हुए थे। आत्महत्या करने से पहले गोविंद ने अपने परिजनों से बात की। उन्होंने परिजनों को बताया कि मैं वैकुंठ जा रहा हूं। वह तुलसी घाट पर गंगा जी में छलांग लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली।

एनडीआरएफ ने शव बाहर निकाला
घटना की जानकारी शनिवार सुबह लोगों को हुई। स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। उसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बॉडी को बाहर निकाला। पूछताछ करने के बाद बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

पांच प्रकार से मिलते हैं मोक्ष
काशी के महंत ने बटुक नाथ त्रिपाठी ने बताया कि काशी में मोक्ष के लिए कर्नाटक से व्यक्ति आया था। आत्महत्या कर मोक्ष की प्राप्ति चाहता था, पर इससे मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है। जो व्यक्ति भगवान के इच्छा अनुसार शरीर त्यागता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पांच प्रकार की मुक्ति है, जिसमें शरणम्, तरणम्, मरणम्, गंगा स्नानम एवं शिव पूजनम है। उन्होंने कहा कि काशी ही पाप नाशी है, जहां है गंग की धारा, गिरिजा पति महेश जी ने जिसे है संवारा, तीर्थों से भरा देश है यह भारत देश नाम है, जिसमें सबसे प्रवित्र मोक्ष काशी धाम है, मरने के बाद शव काशी में जल गया, कहता है पुराण वो बैकुंठ धाम चला गया।

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