ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी के फतवे का समर्थन किया, जिसमें मुस्लिम समुदाय को अंग्रेजी नव वर्ष न मनाने की सलाह दी गई। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ने और पश्चिमी प्रभाव को कम करने का सकारात्मक कदम बताया।