उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में मौजूद प्राधिकरण पब्लिक के हित में कई योजनाएं तैयार करते हैं, लेकिन अपनी पुरानी प्रॉपर्टी को रीडिवेलप नहीं कर पाए थे, क्योंकि इसके लिए कोई पॉलिसी नहीं थी। खासतौर पर 50 साल या उससे भी ज्यादा पुरानी कमर्शियल और रेजिडेंशियल इमारतों का डेवलेपमेंट नहीं हो पा रहा था।