इमरजेंसी के दौरान सरकार की नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लालता पांडे जिंदगी की अंतिम लड़ाई लड़ते-लड़ते हार गए....
Azamgarh News : लालता पांडे को गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ दी गई अंतिम विदाई, सैकड़ों लोग रहे मौजूद
Jan 14, 2025 18:21
Jan 14, 2025 18:21
Azamgarh News : इमरजेंसी के दौरान सरकार की नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लालता पांडे जिंदगी की अंतिम लड़ाई लड़ते-लड़ते हार गए। बता दें कि ललिता पांडे का 3 दिन पहले हार्ट अटैक हुआ था। उसके बाद परिजनों ने बीएचयू में इलाज के लिए भर्ती कराया था। इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
कम उम्र में नीतियों का विरोध कर लड़ाई लड़े
उनके निवास नसरुद्दीनपुर साथियों में नायब तहसीलदार वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। 1975 में लालता पांडे को स्व० रामधन राय, स्व० भूपत लाल, स्व० कमला प्रसाद पांडे, ओम प्रकाश राय, रमाकांत पांडे, त्रिभुवन राय, हरिश्चंद्र राय, अमरनाथ पांडे, योगेंद्र पांडे के साथ मोहम्मदाबाद में गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिया गया था। काफी कम उम्र में सरकार की इमरजेंसी की नीतियों के खिलाफ लालता प्रसाद पांडे ने साथियों के साथ लड़ाई में भाग लिया था स्व० ललिता प्रसाद पांडे के दो पुत्र तथा दो पुत्रियां व पत्नी के साथ भरा पुरा परिवार छोड़कर गए हैं। ज्ञात हो की 65 वर्षीय ललिता पांडे ने 1975 में इंदिरा सरकार की इमरजेंसी के खिलाफ काफी उम्र कम उम्र में नीतियों का विरोध कर लड़ाई लड़े थे।
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ये लोग मौजूद रहे
इस मौके पर मुबारकपुर प्रभारी निहार नंदन, रामजी पांडे, विशाल ओझा, अजीत कुमार पांडे, चंद्रशेखर सिंह, प्रणव गोपाल पांडे,अजीत पांडे, अभिषेक यादव, कमला पांडे सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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