डीएम ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया, जिसने विभिन्न अनियमितताओं की पहचान की। इनमें ग्राम पंचायत में लगाए गए लाइट का काम न होना...
बड़सरी गांव के प्रधान पर गिरी गाज : शासकीय धन के दुरुपयोग मामले में डीएम ने सीज किया खाता
Oct 14, 2024 20:27
Oct 14, 2024 20:27
जानें पूरा मामला
दरअसल, इस मामले की शुरुआत तब हुई जब गांव के पूर्व प्रधान अनिल तिवारी और प्रेमसागर तिवारी ने डीएम को शिकायत पत्र देकर ग्राम पंचायत में कराए गए निर्माण कार्यों में अनियमितताओं के बारे में बताया। इस पर डीएम ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया, जिसने विभिन्न अनियमितताओं की पहचान की। इनमें ग्राम पंचायत में लगाए गए लाइट का काम न होना और खड़ंजे के स्थान पर ब्रिक बैलास्ट का उपयोग शामिल था, जिसे वित्तीय अनियमितता माना गया।
कारण बताओ नोटिस जारी
जांच टीम ने ग्राम प्रधान, तत्कालीन सचिव और अवर अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा। जहां प्रधान बृजानंद तिवारी ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया, वहीं सचिव ने और समय मांगा। दूसरी ओर, अवर अभियंता ने इस मामले से खुद को अलग करते हुए कहा कि यह कार्य उनके अंतर्गत नहीं आता। जांच में 79,457 रुपये की वित्तीय अनियमितता के साथ-साथ खड़ंजे के स्थान पर ब्रिक लगाने की भी बात सामने आई है।
अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार
जानकारी के अनुसार, प्रथम दृष्टया जांच टीम ने ग्राम प्रधान को सरकारी धन के दुरुपयोग का दोषी पाया है। इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए, डीएम ने बड़सरी गांव के प्रधान के सभी अधिकारों को उनके आरोपों से मुक्त होने तक स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने बेरूआरबारी ब्लॉक के विकास अधिकारी को ग्राम पंचायत के कार्यों के क्रियान्वयन के लिए एक तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है। डीएम ने अंतिम निर्णय लेने के लिए अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार करने का निर्देश दिया है।
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