बेसमेंट में संचालित संस्थानों पर कसा शिकंजा : अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों और कोचिंग सेंटरों पर प्रशासन की कार्रवाई

अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों और कोचिंग सेंटरों पर प्रशासन की कार्रवाई
UPT | बेसमेंट में चल रहे अस्पताल पर प्रशासन की कार्रवाई।

Aug 17, 2024 01:22

दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुई दुर्घटना के बाद से यह अभियान तेज हो गया है। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट बृजेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई है, जो लगातार शहर के...

Aug 17, 2024 01:22

Short Highlights
  • बेसमेंट में अवैध रूप से चलने वाले संस्थानों पर कार्रवाई
  • अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पताल को प्रशासन ने लगाई फटकार
  • सीओ सीटी ने कहा- इससे मरीजों को खतरा हो सकता है
Mau News : मऊ शहर में बेसमेंट में अवैध रूप से संचालित हो रहे संस्थानों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। दरअसल,  दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुई दुर्घटना के बाद से यह अभियान तेज हो गया है। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट बृजेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई है, जो लगातार शहर के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी कर रही है।

बेसमेंट में चल रहा निजी अस्पताल
शुक्रवार को इस अभियान के तहत गाजीपुर तिराहा स्थित कई भवनों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान एक निजी अस्पताल की जांच की गई, जो पूरी तरह से बेसमेंट में संचालित हो रहा था। यह अस्पताल डॉक्टर अंबेश गुप्ता के नाम से चल रहा था और जिला अस्पताल के ठीक सामने स्थित था। सिटी मजिस्ट्रेट ने मौके पर मौजूद डॉक्टर को मानकों के विपरीत अस्पताल चलाने पर कड़ी फटकार लगाई।

नोटिस देने के बाद भी नहीं मान रहे
नगर मजिस्ट्रेट बृजेंद्र कुमार ने बताया कि पहले से ही इसे लेकर नोटिस जारी किया गया था। इसके बावजूद, कई संस्थान अपनी गतिविधियां बंद नहीं कर रहे थे। इसलिए अब सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शाम तक ये अस्पताल खाली नहीं किए गए, तो उन्हें सील कर दिया जाएगा। इस कार्रवाई से जिले के अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है।



ऐसे अस्पतालों में मरीजों को खतरा
सीओ सिटी अंजनी कुमार पांडे ने इस अभियान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बेसमेंट में चल रहे ऐसे संस्थान न केवल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि लोगों की जान को भी खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो सबसे पहले अस्पताल कर्मचारी भाग जाएंगे, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है।

अवैध और असुरक्षित गतिविधियों पर होगी कार्रवाई
गौरतलब है कि प्रशासन का यह अभियान केवल अस्पतालों तक ही सीमित नहीं है। बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थान, लाइब्रेरी और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की भी जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर अवैध और असुरक्षित गतिविधियों को जारी नहीं रहने देंगे। बताया गया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, जिससे शहर में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

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