उत्तर प्रदेश के बरेली में धोखाधड़ी के दर्ज मुकदमे से नाम निकालने के बदले प्रेमनगर थाने के दरोगा ने 5 लाख की रिश्वत की मांग की थी। इसमें पीड़ित 50 हजार की पहली किश्त लेकर दरोगा के पास पहुंचा...
Bareilly News : 50 हजार की रिश्वत लेते दरोगा गिरफ्तार, धोखाधड़ी के मामले में नाम निकालने को मांगे थे पांच लाख, जानें फिर क्या हुआ...
Jun 12, 2024 23:41
Jun 12, 2024 23:41
क्या है पूरा मामला
टीम ने बताया कि शहर के किला थाने में दो माह पहले धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मुकदमे में नाम निकालने को लेकर पुलिस सांठगांठ कर रही थी। इस मामले की शिकायत एसएसपी से की गई। एसएसपी ने मुकदमे की विवेचना दूसरे थाने में ट्रांसफर कर दी। विवेचना प्रेमनगर थाने के दरोगा राम अवतार को मिली। वह विवेचना कर रहे थे। मुकदमे की विवेचना करने वाले दरोगा राम अवतार ने मुकदमे से दो नाम निकालने के बदले उन्हें अपने घर नरियावाल पर बुलाया। पांच लाख रुपये रिश्वत देने की रकम तय की गई। इसके बाद 50-50 हजार की किस्तों के रूप में रुपए दिए जाएंगे।
पीड़ित ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन के एसपी से की। इस पर एसपी एंटी करप्शन ने ट्रैप करने को टीम तैयार की। बुधवार को 50 हजार की किश्त लेकर जैसे ही पीड़ित पहुंचा। एंटी करप्शन टीम ने दरोगा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
दो दिन पहले रिश्वतखोर लेखपाल गिरफ्तार
बरेली की एंटी करप्शन टीम ने सोमवार को एक लेखपाल और उसके साथी को गिरफ्तार किया था। उनके पास से पांच हजार रूपये की रिश्वत की रकम बरामद की। दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
सरकारी विभागों में मचा हड़कंप
बरेली मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ऑफिस के प्रशासनिक अधिकारी देवेंद्र सिंह को एंटी करप्शन टीम (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) ने 6 जून को 3 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। आरोपी देवेंद्र सिंह विभाग के ही रिटायर्ड कर्मचारी से मेडिकल क्लेम दिलाने के नाम पर रिश्वत की मांग की थी। यह शिकायत आरोपी के खिलाफ पहले भी मिली थी। ऐसी शिकायत पीड़ित कर्मचारियों ने एंटी करप्शन टीम से की थी। एंटी करप्शन टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया था। इसके बाद यह कार्रवाई की। इससे सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया। एंटी करप्शन टीम ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी में है। बरेली में दर्जन भर से अधिक रिश्वरखोर सरकारी कर्मचारियों को पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं लेखपाल
एंटी करप्शन टीम ने बरेली तहसील के लेखपाल नितेश महेश्वरी को पिछले महीने 17 मई को 20 हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। आंवला थाना क्षेत्र के ढाका गांव निवासी आलोक कुमार के एक जमीन के मामले में कोर्ट ने आदेश किया था। कोर्ट के आदेश पर जमीन की पैमाइश होनी थी। मगर, लेखपाल ने 20 हजार रूपये की रिश्वत की मांग की। जिसके चलते एंटी करप्शन टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इससे पहले 29 मार्च को क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय में तैनात कौशल किशोर सक्सेना को 4 हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उन्होंने कोचिंग खोलने की अनुमति के नाम पर रिश्वत मांगी थी।
5 अप्रैल 2024 को चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते टीम ने गिरफ्तार किया था। चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर सौरव गंगवार को 5 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इससे पहले 23 दिसंबर 2023 को मीरगंज तहसील के कानूनगो श्यामलाल को 5 हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ सीबीगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
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