बरेली फायरिंग कांड : मास्टरमाइंड राजीव राणा ने किया सरेंडर, होटल पर चला बुल्डोजर

मास्टरमाइंड राजीव राणा ने किया सरेंडर, होटल पर चला बुल्डोजर
UPT | हिरासत में लेती पुलिस

Jun 27, 2024 19:23

शहर के पीलीभीत बाईपास रोड पर दिनदहाड़े हुए गोलीबारी कांड के मास्टरमाइंड राजीव राणा ने गुरुवार को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। मगर, इसके बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि...

Jun 27, 2024 19:23

Bareilly News : शहर के पीलीभीत बाईपास रोड पर दिनदहाड़े हुए गोलीबारी कांड के मास्टरमाइंड राजीव राणा ने गुरुवार को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। मगर, इसके बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि मुख्य आरोपी राजीव राणा किस सफेदपोश नेताओं की शरण में था। मुख्य आरोपी के होटल स्टार पर भी बीडीए की टीम ने बुल्डोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही थी। इस दौरान बड़ी संख्या में अफसरों के साथ पुलिस बल मौजूद था। बीडीए की टीम चार बुल्डोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही थी। आधे से अधिक होटल ध्वस्त हो चुका था। 

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान पहुंचा आरोपी
वहीं आरोपी राजीव राणा परिवार के साथ पहुंच गया। राजीव राणा को पुलिस ने हिरासत में लिया। इसके बाद पूछताछ की जा रही है। पिछले कई दिनों से राजीव राणा की तलाश में पुलिस जुटी थी। मगर, वह हाथ नहीं आया। मगर, ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होते ही मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया। इस दौरान होटल के आसपास बड़ी संख्य में पुलिस बल लगाया गया था। 

कोर्ट में भी डाली थी अर्जी
शहर के पीलीभीत बाईपास स्थित बेशकीमती प्लॉट पर कब्जे को लेकर घंटों फायरिंग हुई थी। इस कांड के मास्टरमाइंड राजीव राणा मोबाइल बंद कर गायब था। उसने सरेंडर के लिए कोर्ट में अर्जी डाली थी। मगर, कोर्ट ने 29 जून की तारीख नियत की थी। इससे पहले ही आरोपी ने सरेंडर कर दिया है।

दिनदहाड़े अंधाधुंध फायरिंग से बंद हो गया था रास्ता
बरेली में बेशकीमती प्लॉट पर कब्जे को लेकर शनिवार को पीलीभीत बाईपास पर अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। इससे रास्ता बंद हो गया था। यह गैंगवार चर्चा का विषय बनी हुई थी। यहां की फायरिंग के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं। जिसके चलते यूपी की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, पुलिस डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है। शासन ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी।

राजस्थान के मंत्री ने भी लिखा था पत्र
बरेली गैंगवार का कनेक्शन उत्तराखंड की महिला मंत्री के पति के बाद राजस्थान के एक मंत्री से भी जुड़ने लगा है। राजस्थान के कृषि राज्यमंत्री के पत्र से इस प्रकरण में एक नया नाम शुभ अजमेरा भी सामने आया था। राज्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि शुभ उनके विधानसभा क्षेत्र किशनगढ़ के शिवाजीनगर का रहने वाला है और  बरेली में मार्बल का कारोबार करता है। जमीन कब्जाने के लिए स्थानीय अपराधियों और माफिया ने 22 जून की सुबह उसके किराए पर लिए गोदाम में रखी मार्बल की थप्पियों और स्लैब में तोड़फोड़ कर करीब डेढ़ करोड़ का नुकसान किया है। उन्होंने इस मामले में प्रभावी कार्रवाई के साथ शुभ अजमेरा को सुरक्षा दिलाने और नुकसान की भरपाई कराने की मांग की है। 

इज्जतनगर पुलिस की भूमिका पर उठे थे सवाल
इस मामले में इज्जतनगर थाना पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई गई थी। प्लॉट पर कब्जे के लिए जिस तरह लगातार दो घंटे तक सड़क पर गोलीबारी की गई। इस पूरी कहानी में तमाम ऐसे सवाल हैं। जिनमें सबसे ज्यादा पुलिस घिर रही है। रविवार को कई और नए सवाल तब खड़े हो गए थे, जब राजीव राणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर दावा किया कि कोर्ट ने प्लॉट पर उसे कब्जा दिलाने का आदेश पारित किया था। इसके बाद वह आईजी से मिला था और थाना इज्जतनगर जाकर तत्कालीन इंस्पेक्टर जयशंकर सिंह से मिला। जयशंकर ने ही उसे प्लॉट पर कब्जा लेने की मंजूरी दी थी और उसके साथ पुलिस भी भेजी थी। अब एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने साफ किया है कि आरोपी राजीव राणा वीडियो में अपने पक्ष में कोर्ट के जिस आदेश का जिक्र कर रहा है। उसकी अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। एसएसपी ने कहा कि कोर्ट का आदेश होता, तब भी खुद जाकर कब्जा नहीं लिया जा सकता। ऐसे न्यायिक मामलों के लिए बाकायदा एक प्रक्रिया तय है। इसी के तहत कोई कब्जा लिया जा सकता है। कोर्ट के आदेश की पुष्टि न होने से पुलिस और ज्यादा घिर गई है। 

इज्जतनगर पुलिस को राजीव राणा बता रहा निर्दोष 
अब ऐसे में सवाल उठ रहें हैं कि तत्कालीन इंस्पेक्टर इज्जतनगर ने किस दबाव में इतने बड़े जोखिम से आंखें मूंद लीं। राजीव राणा के दावे पर भी एक सवाल यह है कि अगर उसके पास कोर्ट का आदेश था, तो उसे एसएसपी से मिलना चाहिए था। ऐसे मामलों में कभी पुलिस फोर्स की जरूरत होती है, तो कोर्ट एसएसपी को ही इसके लिए आदेश जारी करता है। राणा ने जो वीडियो जारी किया। वह एसएसपी को ही संबोधित था। थाना इज्जतनगर पुलिस को राजीव राणा निर्दोष बता रहा है। इंस्पेक्टर समेत सात पुलिसकर्मियों को घटना के बाद सस्पेंड तो कर दिया गया, लेकिन यह साफ नहीं हो सका है कि उसने यह घटना क्यों होने दी।

15 करोड़ के प्लॉट पर कब्जे को शूटरों की फ़ौज
शहर के पीलीभीत बाईपास पर 15 करोड़ के प्लॉट पर कब्जे के लिए सड़क पर दो घंटे तक गोलीबारी और आगजनी की घटना के तार दूर-दूर तक सत्ता से जुड़ रहे हैं। उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्य के पति गिरधारी पप्पू और पूर्व विधायक पप्पू भरतौल के बाद अब राजस्थान के कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने भी इस मामले में दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्लॉट पर अपराधियों के दम पर कब्जा करने की कोशिश करने के मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। मगर, शहर की शांति के लिए राजनीतिक संरक्षण में तैयार होने वाले शूटरों से लोगों में खौफ पैदा होने लगा है। एक प्लॉट पर कब्जे के लिए पीलीभीत बाईपास पर जिस तरह पचासों लोगों ने दो घंटे तक गोलियों की बारिश की। उसने शहर के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। इतने बड़े पैमाने पर बरेली से ही शूटरों का इंतजाम करना साफ बता रहा है कि शांतिप्रिय माना जाने वाला यह जिला राजनेताओं और माफिया के संरक्षण में कितनी तेजी से बदल रहा है। 

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