भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बरेली का विशेष स्थान रहा है, जिसका एक महत्वपूर्ण अध्याय पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़ा है। वर्ष 1936 में बरेली में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा प्रदान की। इस ऐतिहासिक अवसर पर पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानियों में नया जोश भरते हुए ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान किया।
135 वीं जयंती पर विशेष : जंग-ए-आजादी के नायक पंडित नेहरू ने बरेली में ब्रिटिश हुकूमत उखाड़ फेंकने का किया था ऐलान, सेंट्रल जेल में 6 महीने रहे थे कैद
Nov 14, 2024 12:06
Nov 14, 2024 12:06
देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की 135वीं जयंती आज यानी 14 नवंबर को मनाई जा रही है। जिसके चलते हर जिले में कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं तो वहीं बरेली सेंट्रल जेल में पं. नेहरू की जयंती मनाई जा रही है।
पंडित नेहरू का बरेली से खास नाता था। वह करीब 6 महीने तक बरेली सेंट्रल जेल में बंद रहे थे। आजादी की लड़ाई के नायक पंडित नेहरू को 31 मार्च 1945 को अहमदनगर फोर्ट जेल से बरेली सेंट्रल जेल लाया गया था।
592 स्वतंत्रता सेनानी किए थे कैद
आजादी की लड़ाई के वक्त पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ डिफेंस ऑफ इंडिया रेगुलेशन एक्ट 1915 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था। उनके साथ ही 592 स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया। पंडित नेहरू बैरिस्टर थे। उनका परिवार जमींदार था। खानदानी रईस होने के बाद भी पंडित नेहरू देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग-ए -आजादी की लड़ाई में कूद गए। वह पहली बार 1922 में जेल गए थे, जबकि अंतिम बार 1945 में जेल गए।
9 बार जाना पड़ा जेल
जंग-ए-आजादी की लड़ाई में पंडित नेहरू को 9 बार जेल जाना पड़ा था। सबसे कम 12 दिनों के लिए, जबकि सबसे अधिक 1,041 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। अंग्रेजों की जेल होने के कारण सश्रम कारावास दिया गया था। पंडित नेहरू की अपनी आत्मकथा में भी बरेली जेल के दिनों का जिक्र किया गया है। पंडित नेहरू के जेल से छूटने के दो वर्ष बाद देश को आजादी मिल गई। सेंट्रल जेल में बड़ी संख्या में बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्हें नेहरू बैरक के माध्यम से अच्छाई की ओर प्रेरित करने वाले संस्करण भी दिखाए जाते हैं। कारागार में उनके रहने की अवधि आदि का पत्थर बैरक के बाहर लगा है।
पंडित नेहरू की प्रतिमा को लेकर अनशन
शहर के चौकी चौराहा पर पंडित नेहरू की प्रतिमा लगी थी। मगर, उसको पिछले दिनों स्मार्ट सिटी के सौंदर्यीकरण के नाम पर हटा दिया गया था। इसको लेकर कांग्रेसियों ने अनशन किया। पंडित नेहरू की प्रतिमा एक निजी अस्पताल के मैदान में कूड़े के ढेर के पास पड़ी थी। इसको लेकर कांग्रेसियों ने हंगामा किया। मगर, अब नगर आयुक्त ने 30 नवंबर से पहले प्रतिमा लगाने का भरोसा दिलाया है। जिसके चलते कांग्रेसियों का अनशन खत्म हुआ है।
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