बरेली कैंट थाना क्षेत्र में धार्मिक परंपरा के नाम पर भैंसों की लड़ाई कराने से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी काफी खफा हैं। उन्होंने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है।
बरेली में भैंसों की लड़ाई में विवाद : मेनका गांधी का कड़ा रुख, आयोजकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
Nov 04, 2024 21:08
Nov 04, 2024 21:08
मनोरंजन के लिए आयोजन का आरोप
शनिवार को गोवर्धन पूजा के अवसर पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें भैंसों को चारों ओर से लाठियों से घेरकर लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा था। कार्यक्रम में मौजूद भीड़ का शोर इस बात का प्रमाण था कि यह सिर्फ मनोरंजन के लिए किया जा रहा था। आयोजकों ने दावा किया कि यह एक पारंपरिक आयोजन है, जिसमें कोई भैंस घायल नहीं हुई, जबकि पीपुल फॉर एनीमल्स (पीएफए) ने आरोप लगाया कि इस क्रूरता को धार्मिक आयोजन का नाम दिया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है।
डीएम ने सीबीओ को सौंपी जांच, जानें लेखपाल की रिपोर्ट
डीएम रविंद्र कुमार ने मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी को इस मामले की जांच सौंप दी है। क्षेत्रीय लेखपाल की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2 नवंबर को गोकुल नगरी, सदर बाजार में भैंसों की लड़ाई का आयोजन किया गया था। आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है, जबकि पीएफए ने पहले भी ऐसी परंपराओं के खिलाफ आवाज उठाई थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आयोजकों को जेल भिजवाने पर अड़ी
मेनका गांधी ने कहा कि अगर यह आयोजन फिर से शुरू हुआ है, तो वे अधिकारियों के साथ मिलकर आयोजकों को जेल भेजने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगी। उनका कहना है कि पशुओं की लड़ाई पूरी तरह से प्रतिबंधित है और अदालत भी इस पर रोक लगा चुकी है। यदि कोई भी इस प्रकार का आयोजन करता है, तो यह गंभीर अपराध है और संबंधित आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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