छठ पूजा का पर्व गोंडा जिले में श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर महिलाओं ने खैरा भवानी मंदिर के पोखरे, सरयू नदी के कटरा घाट सहित कई अन्य स्थानों पर एकत्रित होकर सूर्यदेव और षष्ठी माता की पूजा अर्चना की
जिले में धूमधाम से मना छठ : अस्ताचलगामी सूर्य को महिलाओं ने दिया अर्घ्य, चाक चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था
Nov 07, 2024 18:52
Nov 07, 2024 18:52
महिलाओं ने दिया सूर्य को अर्घ्य
पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। महिलाएं प्रसाद, फल और अन्य सामग्री लेकर इन पवित्र स्थलों पर पहुंची और पूरी श्रद्धा से सूर्य देवता की पूजा की। मनकापुर तहसील क्षेत्र के आईटीआई परिसर, कर्नलगंज के सरयू नदी तट और तरबगंज के बाबा बनदास मंदिर के पास स्थित तालाबों पर भी महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया। इन स्थानों पर सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, ताकि छठ पूजा का पर्व शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।
चाक चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था
छठ पूजा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए थे। पुलिसकर्मियों की चप्पे-चप्पे पर तैनाती की गई थी, और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही थी। खैरा भवानी मंदिर के पोखरे पर विशेष रूप से अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) मनोज कुमार रावत और नगर कोतवाल मनोज कुमार पाठक के नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी। इसके अलावा, क्राइम इंस्पेक्टर अरविंद यादव ने भी पूजा स्थलों पर सुरक्षा की देखरेख की।
36 घंटे का होता है उपवास
छठ पूजा का व्रत खासतौर पर कठिन होता है। व्रति को लगभग 36 घंटे तक निर्जल उपवास करना होता है। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को 'नहाय-खाय' से शुरुआत होती है। दूसरे दिन 'खरना' होता है, जिसके बाद तीसरे दिन डूबते सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रत का पारण यानी समापन किया जाता है। यह पर्व संतान सुख की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से किया जाता है, और इसके दौरान सूर्यदेव तथा षष्ठी माता की पूजा की जाती है। इस वर्ष गोंडा में छठ पूजा का पर्व पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है, और प्रशासन द्वारा किए गए सुरक्षा इंतजामों ने इसे और भी सुरक्षित बना दिया है।