पांच सदस्यीय वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की टीम ने ढीली पटरी को बताया कारण। उत्तर पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने इन प्रारंभिक निष्कर्षों पर सावधानी बरतने की सलाह दी है।
चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसा : पांच सदस्यीय टीम का दावा ठीक से नहीं कसी थी पटरी, जांच जारी
Jul 21, 2024 12:32
Jul 21, 2024 12:32
स्टेशन मास्टर को खराबी का पता पहले से था
जांच टीम की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ डिवीजन के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (एसएसई) ने दोपहर 1:30 बजे एक आईएमआर दोष (तत्काल निष्कासन दोष) का पता लगाया। चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ने 2:28 बजे मोतीगंज स्टेशन को पार किया। दोपहर 2:30 बजे मोतीगंज के स्टेशन मास्टर को खराब स्थान से ट्रेनों को पार करने के लिए गति नियंत्रण का ज्ञापन दिया गया, जिसमें निर्देश था कि खराब स्थान से 30 किमी प्रति घंटे की गति से ही ट्रेन को पार कराया जाए। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन दोपहर 2:31 बजे बेपटरी हो गई, जब इंजन खराब जगह से गुजर रहा था।
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गलत तरीके से कसा गया ट्रैक
संयुक्त जांच में कहा गया कि जब आईएमआर का पता चला (दोपहर 1.30 बजे), तब तक सावधानी के आदेश मिलने तक साइट पर पहरा होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिसके कारण ट्रेन पटरी से उतर गई। इसके लिए इंजीनियरिंग विभाग जिम्मेदार है। इंजीनियरिंग विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने लिखा मैं संयुक्त रिपोर्ट से पूरी तरह असहमत हूं और उन्होंने इसके लिए कई कारण बताए, जिनमें से एक ट्रैक की माप थी, क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी अनुपस्थिति में ट्रैक को गलत तरीके से कसा गया था।
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जलभराव के कारण कमजोर पड़ा ट्रैक
शनिवार को रेलवे ट्रैक के आसपास 30 से अधिक रेलकर्मियों ने सक्रिय रूप से काम किया। वे गिट्टी और मिट्टी का उपयोग करके नम क्षेत्रों को भरने का प्रयास कर रहे थे। ट्रैक के पास पानी का जमाव अभी भी दिखाई दे रहा था। जलभराव के कारण ट्रैक कमजोर हो गया था।
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41 अधिकारी व कर्मचारी तलब
रविवार को गोंडा, डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी (मालीगांव) से कुल 41 रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को लखनऊ स्थित डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक) कार्यालय में बुलाया गया है। बयान दर्ज किए जाने के बाद भविष्य में कई और व्यक्तियों पर कार्रवाई की जा सकती है।
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