छात्रों ने बनाया बिना बिजली के जलने वाला झालर : डेंगू मच्छरों का होगा सफाया, जानें कैसे करता है काम

डेंगू मच्छरों का होगा सफाया, जानें कैसे करता है काम
UPT | छात्रों ने बनाया बिना बिजली के जलने वाला झालर

Oct 27, 2024 19:15

गोरखपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा गोरखपुर के 6 छात्र शिवम् सिंह, सुमित त्रिपाठी, तबस्सुम शेख, अंजली शर्मा, यासीका सिंह और हर्ष चतुर्वेदी ने मिल कर फिजिकल डायनेमो जनरेटर चार्जिंग से चलने वाली दिवाली लाईट बनाया हैं...

Oct 27, 2024 19:15

Gorakhpur News : गोरखपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा गोरखपुर के 6 छात्र शिवम् सिंह, सुमित त्रिपाठी, तबस्सुम शेख, अंजली शर्मा, यासीका सिंह और हर्ष चतुर्वेदी ने मिल कर फिजिकल डायनेमो जनरेटर चार्जिंग से चलने वाली दिवाली लाईट बनाया हैं। छात्र शिवम् सिंह ने बताया कि इस तकनीकी सेंध से दिवाली की झालरों में इतनी ऊर्जा स्टोर की जा सकती है कि कई झालर बिना बिजली के पूरी रात जल सकेंगी। उन्होंने बताया कि हमने मिलकर कई प्रकार की दिवाली लाइट्स बनाई हैं, जो फिजिकल एनर्जी के साथ-साथ पानी से भी जल सकती हैं।

यूवी लाइट वाली दीवाली झालर से डेंगू मच्छरों का सफाया
छात्र सुमित त्रिपाठी ने बताया कि दीवाली लाइट झालर में उन्होंने यूवी लाइट का उपयोग किया है, जिससे लाइट में लगे इलेक्ट्रिक नेट से डेंगू मच्छर भी मरेंगे। छात्रा तबस्सुम शेख ने कहा कि इस दीवाली उन्होंने कई प्रकार की लाइट्स तैयार की हैं, जिन्हें बिजली कनेक्शन की आवश्यकता नहीं पड़ती। कुछ दिवाली झालर तो बिना बिजली और बिना सोलर एनर्जी के भी चार्ज होकर जलते हैं।



घर की सजावट का नया तरीका
छात्रा अंजली शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस दिवाली लाइट को "एंटी डेंगू दिवाली डेकोरेशन झालर" का नाम दिया है। छात्रा यासीका ने बताया कि इस वाटर झालर को घर के अंदर या बाहर कहीं भी डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसे विशेष रूप से छोटे-बड़े पौधों के गमलों के लिए बनाया गया है। 

वाटर झालर में लगा एक वाटर सेंसर
वाटर झालर में एक वाटर सेंसर लगा है, जो गमले में पानी डालने पर झालर के सेंसर को एक्टिवेट करता है। झालर में लगे सेंसर गमले की मिट्टी से जुड़े होते हैं। जैसे ही आप अपने गमले में पानी डालेंगे, रंग-बिरंगी लाइट्स रोशनी के साथ जगमगाने लगेंगी। जब गमले का पानी सूखेगा, तो झालर में लगे सेंसर ऑफ हो जाएंगे।

दीवाली लाइट्स को डीसी करंट का उपयोग कर बनाया
सुमित ने बताया कि उन्होंने इन दीवाली लाइट्स को डीसी करंट का उपयोग कर बनाया है, जिससे दीवाली झालर से करंट का शॉक नहीं लगता और यह पूरी तरह से शॉक प्रूफ और सुरक्षित है। छात्र हर्ष ने बताया कि इसे बनाने में एक महीने का समय लगा और यह 350 रुपये में तैयार हुआ है। फिजिकल डायनेमो जनरेटर चार्जिंग लाइट और वाटर झालर बनाने में ट्रांजिस्टर, एलईडी लाइट, बटन सेल, वाटर सेंसर, कॉपर वायर, डायनमो 12 वोल्ट, और 3.7 वोल्ट बैटरी जैसे उपकरणों का प्रयोग किया गया है।

जानें क्या है खासियत
इन लाइट्स की खासियत यह है कि ये पौधों के गमलों के पानी की मदद से जलेंगी, जिससे हम प्रकृति की ओर ध्यान आकर्षित कर हरे-भरे वातावरण का संदेश देते हैं। अब दिवाली के डेकोरेशन लाइट्स बिना बिजली के जलेंगे। इसके लिए आपको केवल 10 मिनट तक झालर के फास्ट चार्जिंग फिजिकल डायनेमो जनरेटर को अपने हाथों से घुमाना या दबाना होगा। इसके बाद, यह 8 घंटे तक बिना बिजली के जलता रहेगा, जिससे आपके हाथों की मांसपेशियों की एक्सरसाइज भी होगी।

आईटीएम संस्थान के निदेशक ने की प्रशंसा
आईटीएम संस्थान के निदेशक डॉ. एन के सिंह ने सभी छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्थान भविष्य में ऐसे प्रोजेक्ट को बाजार में लाने के लिए छात्रों को हर संभव मदद करेगा। उन्होंने कहा कि दिवाली के पर्व पर बाजार में चारों ओर चाइनीज उत्पाद देखने को मिलते हैं, लेकिन छात्रों द्वारा बनाए गए दिवाली झालर चाइनीज उत्पादों को पीछे छोड़ देंगे।

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