बहुत जल्द ही गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन नए रूप में नजर आएगा। रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए एजेंसी फाइनल कर ली गई है। 7 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी।
बदलता शहर : 498 करोड़ रुपये में बदली जाएगी गोरखपुर रेलवे स्टेशन की सूरत
Jan 03, 2024 14:54
Jan 03, 2024 14:54
- गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन का जल्द होगा पुनर्विकास, एजेंसी फाइनल
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जुलाई 2023 में रखी थी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला
-पूरे देश में 1300 और प्रदेश में 156 रेलवे स्टेशनों का होना है कायाकल्प
अलग पहचान रही है गोरखपुर रेलवे स्टेशन की
पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन की अपनी अलग पहचान रही है। यहां का प्लेटफार्म नंबर-एक विश्व का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म भी रह चुका है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के बाद जो तस्वीर सामने आएगी, उसमें सांस्कृतिक विरासत और मॉडर्न वास्तु कला का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। अब एजेंसी फाइनल होने के बाद नए साल में काम शुरू हो जाएगा और यात्रियों के लिए सुविधाओं, सहूलियत में भी पहले की तुलना में कई गुना बढ़ोतरी हो जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 19 दिसंबर को गोरखपुर बस्ती एवं अयोध्या दौरे के समय कहा था कि गोरखपुर स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तेजी से करने के लिए एजेंसी फाइनल कर ली गई है नए साल में इसका कार्य शुरू हो जाएगा।
नए डिजाइन का डीपीआर तैयार
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि एजेंसी तय होने के साथ ही गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के नए डिजाइन का डीपीआर भी तैयार हो गया है। इस स्टेशन के पुनर्विकास में 498 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। आने वाले 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गोरखपुर स्टेशन का विकास किया जाएगा। अनुमान है कि तब स्टेशन पर प्रतिदिन 168,000 यात्रियों का आवागमन होगा।
सिटी सेंटर के रूप में विकसित होगा गोरखपुर जंक्शन स्टेशन
गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का कायाकल्प होने के बाद स्थानीय संस्कृति की झलक देखने के लिए तो मिलेगी, साथ ही इसे सिटी सेंटर के रूप में भी विकसित किया जाएगा। वर्तमान में मुख्य स्टेशन भवन का निर्माण 5855 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 720 वर्ग मीटर में किया गया है। प्रस्तावित स्टेशन का निर्माण 17900 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 7400 वर्ग मीटर में किए जाने का प्रस्ताव है। 100800 वर्ग मीटर में रूफ प्लाजा बनाया जाएगा, फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, एटीएम एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया जाएगा। प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन एवं बस स्टेशन से स्काईवॉक वे से लिंक होने के बाद रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए कई सहूलियतें लेकर आएगा।
15 जनवरी 1885 को गोरखपुर स्टेशन आया था अस्तित्व में
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया था। वर्ष 1986 में गोरखपुर से उसका बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्शन स्टेशन बना। वर्ष 1981 में छपरा से मल्हार तक का अमान परिवर्तन पूर्ण हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन के माध्यम से देश के अन्य महानगरों से जुड़ गया। वर्ष 2004 में यहां दोहरीकरण का कार्य पूरा हुआ। समय के साथ गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर गाड़ियों एवं प्लेटफार्म की संख्या में वृद्धि हुई और स्टेशन के यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य अपरिहार्य हो गया। वर्तमान में गोरखपुर में 10 प्लेटफार्म है। यह स्टेशन गोरखपुर जनपद की लगभग 44.5 लाख की आबादी सहित निकटवर्ती जनपदों एवं नेपाल क्षेत्र के लोगों को भी अपनी सेवाएं दे रहा है। लगभग 93,000 यात्रियों का यहां प्रतिदिन आवागमन होता है। इस स्टेशन से प्रतिदिन 91 जोड़ी यात्री ट्रेन प्रमुख महानगरों एवं नगरों के लिए चलाई जाती हैं।
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