यति नरसिंहानंद जो अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। इन दिनों उनके विवादित बयान पर बवाल मचा हुआ है। जब से उनका वीडियो वायरल हुआ है, प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन दिखने को मिले...
दीपक त्यागी जो यति नरसिंहानंद बन गए : रूस में पढ़ाई, लंदन की नौकरी, सपा से राजनीति शुरू की, पत्नी ने छोड़ा...
Oct 06, 2024 15:29
Oct 06, 2024 15:29
ये रहा नरसिंहानंद का विवादित बयान
यति नरसिंहानंद 29 सितंबर को गाजियाबाद के हिंदी भवन में दिए एक विवादास्पद बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बयान में उन्होंने न केवल रावण और उसके परिवार के बारे में कसीदे पढ़े बल्कि एक धर्म विशेष के खिलाफ कड़वे बोल भी बोले। बयान के सोशल मीडिया पर वायरल होने बाद जैसे प्रदेश में सुनामी आ गई हो। गाजियाबाद पुलिस ने बीती गुरुवार शाम को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। लेकिन इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। देश में नरसिंहानंद के बयान की निंदा की गई, तो वहीं लोगों ने प्रदर्शन कर पुलिस से कार्रवाई की मांग की। इसके बाद गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने शनिवार को यति नरसिंहानंद को हिरासत में ले लिया।
हिरासत में लिए गए महंत
वहीं महंत को डासना मंदिर से हिरासत में लेने के बाद पुलिस लाइन में रखा गया है। नरसिंहानंद जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर भी हैं। कानून- व्यवस्था बनाए रखने के लिए यूपी में हाई अलर्ट किया गया है। पुलिस ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ वेव सिटी थाने में एक और एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में अनिल यादव उर्फ छोटा नरसिंहानंद, यति रामस्वरूपानंद और यति निर्भयानंद को भी आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि इन सब लोगों ने एक विशेष धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अपराध किया है। यह मुकदमा वेव सिटी थाने में तैनात एसआई भानुप्रताप सिंह की तहरीर पर दर्ज हुआ है। बता दें कि डासना देवी मंदिर भी वेव सिटी थानाक्षेत्र में आता है।
दीपक त्यागी से यति नरसिंहानंद बनने तक का सफर
जानकारी के मुताबिक यति नरसिंहानंद का जीवन सफर दीपक त्यागी के नाम से शुरू हुआ। उनका जन्म 1969 में मेरठ जिले में एक साधारण परिवार में हुआ, जिसमें कुल पांच भाई-बहन थे। उनके पिता सरकारी सेवा में थे। दीपक ने 1989 में भारत छोड़कर रूस का रुख किया, जहां उन्होंने मास्को के इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग से केमिकल टेक्नोलॉजी का कोर्स किया। 1994 में ग्रेजुएट होने के बाद, दीपक त्यागी ने रूस की राजधानी और लंदन सहित विभिन्न देशों में काम किया। 1997 में, जब उनकी मां बीमार पड़ीं, तो उन्हें भारत लौटना पड़ा। इसके बाद 2007 में, उन्होंने गाजियाबाद के डासना मंदिर में पुजारी के रूप में कार्यभार संभाला। संन्यास लेने के बाद, उन्होंने दीपक त्यागी का नाम बदलकर दीपेंद्र नारायण सिंह रखा। बाद में, उन्होंने एक और नाम परिवर्तन किया और यति नरसिंहानंद बन गए।
सपा से राजनीतिक सफर की शुरुआत
यति नरसिंहानंद ने भारत लौटने के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी से संपर्क किया, क्योंकि वे इसके युवा विंग का नेतृत्व करना चाहते थे। हालांकि, यह राजनीतिक सफर ज्यादा लंबा नहीं चला और उन्हें तीन महीने के भीतर पार्टी छोड़नी पड़ी। उनकी पत्नी और बेटी ने 2000 में उन्हें छोड़ दिया, क्योंकि वे नहीं चाहती थीं कि यति नरसिंहानंद राजनीति या धर्म में प्रवेश करें। नरसिंहानंद के अनुसार, उनकी मां भी कभी उनके कार्यों से संतुष्ट नहीं रहीं और उनका मानना था कि वे जो कर रहे हैं, वह सही नहीं है।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री पर भी विवादित बयान
शिवशक्ति धाम डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के खिलाफ भी गैरमर्यादित बयान दे चुके हैं। मौजूद केंद्र और राज्य सरकार पर भी वह अकसर हमलावर होते रहे हैं। डासना मंदिर में प्रवेश के दौरान एक बच्चे की पिटाई के बाद भी महंत काफी दिनों तक मीडिया की सुर्खियों में रहे थे। वह धर्मांतरण को लेकर भी अकसर पर तीखे बयान देते रहे हैं।
विवादों से पुराना नाता, 2022 में गिरफ्तारी
एक बार दिल्ली में प्रशासन की अनुमति के बिना आयोजित हिंदू महापंचायत में यति नरसिंहानंद ने कथित तौर पर हिंदुओं को अपना अस्तित्व बचाने के लिए हथियार उठाने की नसीहत दे डाली थी। इसके अलावा दिल्ली के प्रेस क्लब में विशेष धर्म को लेकर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी भी चर्चाओं में रही थी। हरिद्वार में 2022 में आयोजित धर्म संसद में विवादित बयान देने पर यति नरसिंहानंद सरस्वती की गिरफ्तारी हुई थी।
पूर्व भाजपा सांसद बीएल शर्मा हैं गुरु
शिवशक्ति धाम डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती दिल्ली में भाजपा के सांसद रहे बीएल शर्मा को अपना गुरु मानते हैं। उन्हीं की प्रेरणा के बाद यति नरसिंहानंद की सोच बदली और सांसारिक जीवन छोड़कर भगवा चोला धारण कर लिया था। यति नरसिंहानंद को अखिल भारतीय संत परिषद का राष्ट्रीय संयोजक भी बताया जाता है। साथ ही वह हिंदुओं के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी हैं। हिंदू स्वाभिमान संसथा के अलावा वह धर्म सेना का गठन भी कर चुके हैं। धर्म सेना का गठन महंत ने हिंदु युवाओं को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए किया था।
इस घटना से हुए मुसलमानों के खिलाफ
यति नरसिंहानंद के अनुसार, समाजवादी पार्टी में रहते हुए उन्होंने अपनी जाति को संगठित करने के लिए एक संस्था का गठन किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात शंभू दयाल डिग्री कॉलेज की एक छात्रा से हुई, जिसने उन्हें लव जिहाद के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उस छात्रा ने मुसलमानों से जुड़ी कई कहानियां सुनाईं, जिन पर उन्हें विश्वास नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने इस्लाम को समझने का प्रयास किया और कुरान पढ़ी। उनके विचार में, इस्लाम को वे ‘कैंसर’ की संज्ञा देते हैं और उनका मानना है कि यदि इसे धरती से समाप्त नहीं किया गया, तो यह धरती को बंजर कर देगा। एक मौके पर उन्होंने कहा कि वे ‘इस्लाम मुक्त भारत’ की स्थापना की लड़ाई लड़ रहे हैं। बता दें कि डासना मंदिर के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है, यहां मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है।
2019 में किया उपद्रवी घोषित
साल 2019 में, उत्तर प्रदेश पुलिस ने यति नरसिंहानंद को उनके विवादास्पद और नफरती बयानों के कारण गंभीर किस्म का उपद्रवी घोषित कर दिया, क्योंकि उनके बयानों ने कानून व्यवस्था के लिए चुनौतियां पैदा की थीं। यह कदम तब उठाया गया जब उनके नफरती बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था। इसी बीच, 2021 में यह खबर आई कि हिंदू धर्म के प्रमुख जूना अखाड़े ने यति नरसिंहानंद को महामंडलेश्वर के पद पर नियुक्त किया, जो अखाड़ों में सर्वोच्च माना जाता है। यति नरसिंहानंद ने भाजपा के साथ अपने संबंधों के बारे में बताया है कि सपा छोड़ने के बाद उनका परिचय भाजपा के पूर्व सांसद बैकुंठ लाल शर्मा, जिन्हें प्रेम सिंह शेर के नाम से भी जाना जाता है, से हुआ। 2019 में बैकुंठ लाल शर्मा का निधन हो गया और यति नरसिंहानंद का कहना है कि उन्होंने इस्लाम के बारे में ‘असली सच’ जानने का श्रेय उन्हें दिया है।
जानें यति नरसिंहानंद के बयान पर बवाल....
बुलंदशहर जिले में बड़ा बवाल
5 अक्तूबर को बुलंदशहर जिले में बड़ा बवाल हुआ। बवाल के दौरान पुलिस और पीएससी के जवानों के ऊपर पथराव किया गया है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर शाम गद्दिवाड़ा इलाके में ईशा की नमाज के बाद अचानक लोग आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने काफी देर तक लोगों को समझाती-बुझाती रही, तभी अचानक से लोगों ने पुलिस टीम पर पथराव करना शुरू कर दिया। पथराव की सूचना पर PAC की एक बटालियन मौके पर भेजी गई, लेकिन नमाजियों ने PAC के जवानों पर भी पथराव किया। इस पत्थरबाजी में सिकंदराबाद कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर रवि रतन घायल हो गए। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बिजनौर में मुसलमानों ने एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा
बिजनौर में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब और कुरान शरीफ पर की गई टिप्पणियों के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए। शनिवार को शहर में जमीयत उलमा-ए-हिंद के बैनर तले कई मुसलमानों ने एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने स्वामी नरसिंहानंद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
बस्ती जिले के मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराजगी
विवादित बयान को लेकर बस्ती जिले के मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराजगी व्याप्त है। शनिवार को जिले में AIMIM और आजाद समाज पार्टी के बैनर तले स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, जिन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।
आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस कार्यालय पर आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग की।
यह भी पढ़ें- Ghaziabad News : गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद के खिलाफ आजाद समाज पार्टी का प्रदर्शन, महंत को गिरफ्तार करने की मांग
सांसद इकरा हसन ने मामले में कार्रवाई की मांग
कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने मामले में कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि नरसिंहानंद पर UAPA के तहत कार्रवाई की जाए। इकरा हसन ने अपना एक वीडियो जारी कर नरसिंहानंद के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि यति नरसिंहानंद जैसे ढोंगी, पाखंडी लोगों ने एक बार फिर अपनी जुबान से नफरत का जगर उगला है और हमारे प्यारे नबी की शान में गुस्ताखी की है, जो हम सबके लिए नाकाबिले बर्दाश्त है। प्यारे नबी जो पूरी दुनिया के लिए रहमत और शांति का पैगाम लेकर आए थे, उनकी शान में यह अपनी गंदी जुबान से अपमान कर रहा है।
यह भी पढ़ें- यति नरसिंहानंद पर UAPA के तहत कार्रवाई की मांग : सांसद इकरा हसन ने कहा- नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं
सहारनपुर में पुलिस चौकी पर भीड़ ने किया पथराव
इस बीच, सहारनपुर में रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यति नरसिंहानंद के बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान शेखपुरा पुलिस चौकी पर हल्का पथराव भी हुआ, लेकिन पुलिस ने तेजी से स्थिति को संभाल लिया। प्रदर्शनकारियों ने शेखपुरा कदीम चौकी पर ज्ञापन देने का प्रयास किया, जब कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस चौकी पर पत्थर फेंके, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया।
यह भी पढ़ें- सहारनपुर में पुलिस चौकी पर भीड़ ने किया पथराव : यति नरसिंहानंद पर ठोस कार्रवाई न होने से नाराज लोगों का हंगामा
Also Read
22 Nov 2024 04:51 PM
बोर्ड ने कहा कि भर्ती का अंतिम परिणाम तभी जारी किया जाएगा जब पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जैसा कि यूपीएससी द्वारा भी किया जाता है... और पढ़ें