मायावती का बड़ा ऐलान : अब किसी भी क्षेत्रीय पार्टियों से बसपा नहीं करेगी गठबंधन, भाजपा और कांग्रेस से भी दूरी बरकरार

अब किसी भी क्षेत्रीय पार्टियों से बसपा नहीं करेगी गठबंधन, भाजपा और कांग्रेस से भी दूरी बरकरार
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Oct 11, 2024 16:11

मायावती ने घोषणा की है कि बसपा अब किसी भी चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं करेगी। मायावती ने इस निर्णय की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी...

Oct 11, 2024 16:11

Lucknow News : बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चुनावी असफलताओं से सीख लेते हुए एक बड़ा फैसला किया है। उन्होंने घोषणा की है कि बसपा अब किसी भी चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं करेगी। मायावती ने इस निर्णय की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पार्टी को गठबंधन से अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है, और इसलिए यह कदम उठाना आवश्यक हो गया है।
  हरियाणा और पंजाब विधानसभा चुनावों के बाद लिया फैसला
मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा कि यूपी सहित अन्य राज्यों में बीएसपी का वोट तो गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन गठबंधन की पार्टियां बीएसपी को अपने वोट ट्रांसफर कराने में सक्षम नहीं होती हैं। इसका नतीजा यह होता है कि चुनावी परिणाम उम्मीद के अनुसार नहीं आते हैं, जिससे पार्टी कैडर को निराशा का सामना करना पड़ता है। मायावती ने हरियाणा और पंजाब विधानसभा चुनावों के अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि इन चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन किया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहे। इसलिए अब बसपा ने क्षेत्रीय पार्टियों से भी गठबंधन न करने का निर्णय लिया है।

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एनडीए और इंडिया गठबंधन से दूरी बरकरार
इसके साथ ही मायावती ने स्पष्ट किया कि बसपा पहले की तरह ही भाजपा/एनडीए और कांग्रेस/इंडिया गठबंधन से दूरी बनाए रखेगी। उन्होंने कहा कि बसपा का उद्देश्य सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि ’बहुजन समाज’ के विभिन्न अंगों को संगठित कर राजनीतिक शक्ति बनाना है। मायावती ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि बसपा, अन्य पार्टियों और उनके नेताओं की स्वार्थी राजनीति में शामिल होने के लिए नहीं बनी है। बसपा का मकसद समाज के कमजोर और शोषित वर्गों को साथ लाकर उन्हें सशक्त बनाना है। 



पार्टी कार्यकर्ताओं को किया प्रेरित
मायावती ने इस निर्णय को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बसपा को जातिवादी राजनीति कमजोर करने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं, लेकिन पार्टी अपने आत्म-सम्मान और स्वाभिमान मूवमेंट को कमजोर नहीं होने देगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बसपा का आंदोलन बहुजन समाज के लिए है, और पार्टी को किसी भी तरह की गलत दिशा में जाने से बचाना जरूरी है। इस प्रकार, मायावती के इस फैसले से स्पष्ट है कि आगामी चुनावों में बसपा अकेले दम पर मैदान में उतरेगी, और किसी भी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। अब देखना यह होगा कि मायावती के इस निर्णय का पार्टी की चुनावी रणनीति और प्रदर्शन पर क्या असर पड़ता है।

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