एसआईटी की रिपोर्ट में तत्कालीन उप सचिव रिंकी जायसवाल समेत अन्य अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार कर्मियों और अधिकारियों की मिलीभगत रही।
UP News : पीसीएस अधिकारी रिंकी जायसवाल निलंबित, कानपुर में इस पद पर हैं तैनात, जानें पूरा मामला
Jan 11, 2025 10:19
Jan 11, 2025 10:19
भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों का मामला
2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने 1953 ग्राम विकास अधिकारी के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। परीक्षा के आयोजन और परिणामों के दौरान अनियमितताओं की शिकायतें सामने आईं। इन आरोपों के मद्देनजर, शासन ने इस प्रकरण की जांच एसआईटी को सौंपी। जांच के दौरान पाया गया कि परीक्षा प्रक्रिया में अनदेखी और मिलीभगत हुई थी।
एसआईटी की रिपोर्ट और कार्रवाई
एसआईटी की रिपोर्ट में तत्कालीन उप सचिव रिंकी जायसवाल समेत अन्य अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार कर्मियों और अधिकारियों की मिलीभगत रही। रिपोर्ट के आधार पर रिंकी जायसवाल को निलंबित करने का फैसला लिया गया। 2011 बैच की पीसीएस अधिकारी रिंकी जायसवाल को 2018 में लखनऊ में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में उप सचिव के पद पर तैनात किया गया था। यहां उन्होंने ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा की जिम्मेदारी संभाली। इसी दौरान भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियों की शिकायतें शासन तक पहुंचीं।
स्थानांतरण और नई तैनाती
भर्ती में कथित अनियमितताओं के चलते 2020 में रिंकी जायसवाल का तबादला कर दिया गया। उन्हें सहारनपुर मंडी परिषद में उप निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया। तीन वर्षों तक वहां सेवा देने के बाद 2023 में उन्हें कानपुर में एडीएम भू-अध्याप्ति के पद पर तैनाती दी गई।
जांच में देरी और निर्णय
पांच वर्षों तक चलने वाली जांच के बाद एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में लापरवाही और कर्तव्यहीनता के आधार पर रिंकी जायसवाल को दोषी माना गया। इसके बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया।
- भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों के दावे
- आयोग और एजेंसी के बीच तालमेल की कमी
- भर्ती परीक्षा के दौरान एजेंसी की प्रक्रिया में कमियां थीं। रिपोर्ट में कहा गया कि तत्कालीन उप सचिव ने इन खामियों को नजरअंदाज किया।
एसआईटी की रिपोर्ट में केवल रिंकी जायसवाल ही नहीं, बल्कि अन्य दो पीसीएस अधिकारियों पर भी अनियमितताओं और अनदेखी का आरोप लगाया गया है। ऐसे में उन पर कार्रवाई होने की संभावना है। प्रदेश सरकार के अनुसार, प्रशासनिक पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए ये सख्त कदम उठाया गया है।
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