हिंदुओं का वोट लेकर किया जा रहा धोखा : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले- गौ हत्या को लेकर कानून बनाना जरूरी, यूपी से सबसे ज्यादा निर्यात

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले-  गौ हत्या को लेकर कानून बनाना जरूरी, यूपी से सबसे ज्यादा निर्यात
UPT | शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

Sep 23, 2024 14:22

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि तिरुपति में करोड़ों लोगों को गाय की चर्बी वाला प्रसाद खिलाया गया। जिन हिंदुओं के वोट ले रहे हैं, उन्हीं के साथ धोखा किया जा रहा है। जो हमारा ही वोट लेकर गाय को काटे हमें बर्दाश्त नहीं है। ऐसी स्थिति को देखते हुए हमें मठ छोड़कर निकलना पड़ा।

Sep 23, 2024 14:22

Lucknow News : ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौ हत्या को लेकर एक बार फिर सियासी दलों को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस ने वादे किए और बाद में भाजपा ने इसी तरह का भरोसा दिलाया। लेकिन, गौ हत्या रोकने को कोई कानून नहीं बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने तिरुपति में चर्बी मिला हुआ प्रसाद ग्रहण किया है, वह गाय के सामग्री से बने पंचकर्म को सेवन करता है तो उसके अंदर गया पाप भोजन समाप्त हो जाता है और वह फिर से पवित्र हो जाएगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मीडिया से बातचीत में यह बात कही।

नागालैंड में प्रवेश से रोकना भाजपा का दोहरा चरित्र
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि वर्तमान में एक देश-एक कानून की बात हो रही है, एक देश-एक चुनाव की बात हो रही है तो क्यों गौ माता को लेकर हर प्रदेश में अलग-अलग कानून बनाए गए हैं। सबसे पहले हमारी इस यात्रा का विरोध भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आया, यह आश्चर्य की बात है। उन्होंने कहा कि नागालैंड में जाने से हमें रोक दिया गया है। भाजपा नागालैंड की तरफ से लिखा गया कि गए खाना हमारी सभ्यता और संस्कृति में शामिल है, इसलिए शंकराचार्य नागालैंड में प्रवेश नहीं करें। भाजपा के इस पत्र के बाद नागालैंड के विभिन्न संस्थाओं द्वारा इस संदर्भ पत्र जारी किया जाने लगा। शंकराचार्य को नागालैंड में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई। लेकिन, हम नागालैंड जाएंगे। यह बीजेपी का दोहरा चरित्र है, मैं आश्चर्यचकित हूं। उन्होंने कहा कि गोवंश का सबसे ज्यादा निर्यात उत्तर प्रदेश से हो रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ हैं, इसलिए आश्चर्य और बढ़ जाता है।



किसी पार्टी के नहीं होते हैं शंकराचार्य
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि शंकराचार्य किसी पार्टी के नहीं होते हैं। अल्पसंख्यक ये नहीं कह सकते कि गाय खाना हमारा अधिकार है और अगर ऐसा कहते हैं तो अपने शरिया वाले कानून के देश में चल जाएं। जब तक योगी जी मुख्यमंत्री है उन्हें मुख्यमंत्री की तरह काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस का एजेंडा गौ रक्षा को लेकर है, तो सामने आए। हम कांग्रेस के पक्ष में खड़े होंगे। लेकिन, ऐसा कोई एजेंडा अभी कांग्रेस की तरफ से नहीं आया। उन्होंने कहा कि हम सनातनी वोट उसी को करेंगे जो जो यह शपथ पत्र देगा कि चुनाव जीतने के बाद पहली कलम से वह गौ माता की रक्षा करने के लिए काम करेगा।

मंगल पांडे ने गौ रक्षा के लिए किया था आंदोलन
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जब घर में रोटी बनती है तो पहले रोटी ना तो भगवान को समर्पित करते हैं ना तो गुरुजी को देते हैं ना बड़े बुजुर्ग को, ना अपने प्यारे बच्चों को। पहली रोटी अगर भारत में हमारी रसोई में निकलती है, तो गाय के लिए निकलती है। इसका मतलब कि पहला स्थान गाय को दिया जाता है। लेकिन, अब भारत में इस पहचान को धूमिल किया जा रहा है। हमारे यहां गायों के प्राण लिए जाने लगे, उनकी प्रतिष्ठा ली जाने लगी। हमारे शत्रुओं के लिए भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का इससे बढ़िया उपक्रम नहीं हो सकता था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 1857 की क्रांति का हवाला देते हुए कहा कि हमारे एक भाई मातादीन ने अंग्रेजों के कारतूस निर्माण फैक्टरी के बारे में बताया कि वहां गौमाता की चर्बी का प्रयोग कारतूस बनाने में किया जा रहा है। यह बात जब सैनिक मंगल पांडे ने सुनी तो उसने मुंह से कारतूस का ढक्कन खोलने से मना कर दिया और जब उसके ऊपर दबाव डाला गया तो उसने कहा कि किसी भी दशा में हम यह नहीं कर सकते। फांसी के फंदे पर लटक जाना मंजूर होगा। लेकिन, अपने मुंह से गाय की चर्बी मिले कारतूस को खोलना स्वीकार नहीं कर सकते। इस तरह मंगल पांडे ने गौ रक्षा के लिए आंदोलन किया था।

गौ माता को राष्ट्रमाता के रूप में प्रतिष्ठित करने का आजादी के पहले से था विचार
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि इस विचारधारा की बदौलत गुलामी की जंजीर टूट गई। गौ माता को राष्ट्रमाता के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए यहां के विचारवान लोगों ने आजादी के पहले से ही मन बना लिया था। आजादी के पहले जब स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी लोगों के घरों में जाते थे कि आप भी लिए हमारा सहयोग करिए, हम अंग्रेजों को भगाना चाहते हैं, तो उस समय लोग कहते थे कि अंग्रेजों को भगाने की जरूरत क्या है? तब और कोई दूसरा कारण नहीं बताया जाता था, यही कारण बताया जाता था कि अगर अंग्रेज हमारे देश में रहेंगे गौ माता की हत्या होगी और गौमांस खाया जाएगा। जब लोग यह बात सुनते थे, तो वह कहते थे कि बिल्कुल हम आपके साथ हैं और अंग्रेजों को भगाने के युद्ध में हम आपका साथ देंगे।

कांग्रेस के बाद भाजपा ने वादा नहीं किया पूरा
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि कांग्रेस को चुनाव निशान पहले दो बैलों की जोड़ी को था। बाद में बछड़ा वाली गाय चुनाव चिह्न बनी और हम सब हिंदुओं ने दो बैलों की जोड़ी को वोट दिया। दूध पीते बछड़े को वोट दिया। लेकिन गाय की रक्षा को लेकर इन्होंने कुछ नहीं किया गया। बाद में दूसरे लोग सत्ता में आए और कहा कि हम बहुमत में नहीं है, जब बहुमत में आएंगे तब गाय की रक्षा पर कानून बनाएंगे। लेकिन, जब वो लोग दोबारा सत्ता में बहुमत से आए तो उन्होंने भी कुछ नहीं किया

तिरुपति में गाय की चर्बी वाला प्रसाद खिलाना हिंदुओं के साथ धोखा
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि तिरुपति में करोड़ों लोगों को गाय की चर्बी वाला प्रसाद खिलाया गया। जिन हिंदुओं के वोट ले रहे हैं, उन्हीं के साथ धोखा किया जा रहा है। जो हमारा ही वोट लेकर गाय को काटे हमें बर्दाश्त नहीं है। ऐसी स्थिति को देखते हुए हमें मठ छोड़कर निकलना पड़ा। रविवार को हम अयोध्या गए थे। लेकिन, परिक्रमा करके वापस लौट आए। हमने प्रण लिया है कि जब तक गौ हत्या बंद नहीं होगी, तब तक रामलला के दर्शन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने भगवान श्री राम से कहा कि हमें शक्ति दीजिए, जिससे गौ हत्या बंद की जा सके। उन्होंने कहा कि भगवान राम के साथ-साथ हमें लक्ष्मण जी की भी जरूरत है इसलिए हम लक्ष्मण पूरी में आएं हैं। आने वाले समय में हम 35 प्रदेशों की यात्रा करेंगे। इन प्रदेशों में हम गो ध्वज स्थापना करेंगे।

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