बुलंदशहर में 5 दिसंबर को बुलडोजर कार्रवाई हुई, जिसमें घर और दुकान को बिना नोटिस दिए ढहा दिया गया। इस घटना के बाद, आठ बहनें सड़क पर आ गईं...
बुलडोजर की कार्रवाई के बाद बेघर हुई आठ बहनें : सीएम योगी से लगाई न्याय की गुहार, बोलीं- अब कहां जाएंगे...
Dec 08, 2024 14:54
Dec 08, 2024 14:54
बहनों ने ईओ पर लगाया आरोप
इन बहनों ने बताया कि इनके पास घर के सभी कागजात मौजूद थे, फिर भी ईओ ने जानबूझकर यह कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि अब हम कहां जाएं। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। डीएम ने टीम गठित कर जांच कराने की बात कही है। दूसरी तरफ, ईओ सेवाराम राजभर ने इस आरोप को गलत बताया। उन्होंने कहा कि कार्रवाई से पहले दो बार नोटिस जारी किया जा चुका था।
इरम ने बताई पूरी बात
दरअसल, बुलंदशहर की रहने वाली इरम, अपने 10 भाई-बहनों के साथ औरंगाबाद कस्बे में रहती थीं, उनका कहना है कि 5 दिसंबर को बिना कोई नोटिस दिए, ईओ बुलडोजर लेकर उनके घर और दुकान पर पहुंचे। इरम ने बताया कि ईओ ने यह दावा किया कि जिस जमीन पर उनका घर बना था, वह नगर पंचायत की थी। इरम ने उन्हें घर का नक्शा भी दिखाया, जो उनके पिता ने पास करवाया था, लेकिन इसके बावजूद ईओ कार्रवाई पर अड़े रहे। इरम और उनके भाई-बहनों ने उनसे समय मांगा, लेकिन उनकी एक न सुनी गई और घर व दुकान को ढहा दिया गया।
एसडीएम ने नहीं की कोई कार्रवाई
इसके बाद, इरम ने 7 दिसंबर को अपने बहनों के साथ एसडीएम सदर, नवीन कुमार से मुलाकात की और पूरी स्थिति उन्हें बताई। एसडीएम ने उन्हें न्याय का भरोसा दिया, लेकिन 24 घंटे बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे निराश होकर इरम ने डीएम ऑफिस का रुख किया और वहां अपनी शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि अब देखना यह है कि डीएम क्या कदम उठाते हैं।
पहले दिया गया था एक लाख रुपये का प्रस्ताव
इरम का कहना है कि उन्हें सिर्फ परेशान किया जा रहा है। शुरुआत में उन्हें एक लाख रुपये का प्रस्ताव दिया गया था ताकि वे मकान खाली कर दें, लेकिन उन्होंने इसे मना कर दिया। इसके बाद मकान गिरा दिया गया और तब से वे भटक रही हैं। इरम के पास जमीन से संबंधित सभी कागजात हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया था कि बिना नोटिस के किसी संपत्ति पर बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जाए। बावजूद इसके, उनका घर ढहा दिया गया।
सीएम हमें न्याय दिलाएं- सादिका
वहीं पीड़ित सादिका ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेटियों के लिए इतना प्यार करते हैं, तो उन्हें भी न्याय दिलाएं। सादिका ने बताया कि वे और उनके भाई-बहन भूखे मरने के लिए मजबूर हैं और अधिकारी केवल जांच की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे जबसे पैदा हुए हैं, तबसे इस घर में रह रहे थे और पहले भी वे अधिकारियों को घर के कागजात दिखा चुके थे।
डीएम ने दिए जांच के आदेश
दूसरी तरफ, डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि शिकायत प्राप्त होने के बाद, उन्होंने एसडीएम को जांच के निर्देश दिए हैं। एसडीएम नवीन कुमार ने पुष्टि की कि डीएम के निर्देश पर जांच की जा रही है और सोमवार को पीड़ित पक्ष को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है। इसके साथ ही, नगर पंचायत के ईओ से भी जवाब मांगा गया है।
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