लोटस 300 केस में नया मोड़ : सुप्रीम कोर्ट ने केवल ईडी की जांच पर लगाई रोक, अन्य कानूनी कार्रवाई रहेंगी जारी

सुप्रीम कोर्ट ने केवल ईडी की जांच पर लगाई रोक, अन्य कानूनी कार्रवाई रहेंगी जारी
UPT | Supreme Court

Sep 04, 2024 18:24

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर कंपनी के निदेशकों की ईडी जांच पर स्टे दिया है, लेकिन यह स्टे अन्य कानूनी कार्रवाइयों पर लागू नहीं होता है...

Sep 04, 2024 18:24

Short Highlights
  • लोटस 300 केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
  • सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की जांच पर स्टे बरकरार रखा
  • ईडी ने पक्षकार बनाने की मांग की
Noida News : नोएडा के सेक्टर 107 में स्थित लोटस 300 हाउसिंग प्रोजेक्ट के डेवलपर्स, हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (HPPL), के निदेशकों की प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही जांच से संबंधित सुप्रीम कोर्ट ने अपने 11 जून के आदेश में संशोधन किया है। इस संशोधन से कंपनी के निदेशकों के साथ-साथ कंपनी को भी झटका लगा है। 

केवल ईडी की जांच पर स्टे
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर कंपनी के निदेशकों की ईडी जांच पर स्टे दिया है, लेकिन यह स्टे अन्य कानूनी कार्रवाइयों पर लागू नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि ईडी की कार्रवाई के अलावा नोएडा प्राधिकरण द्वारा की जाने वाली किसी भी कानूनी कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

अन्य कानूनी कार्रवाइयों पर कोई असर नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि स्टे किसी भी अधिकारी को कानून के अनुसार कार्रवाई करने से नहीं रोकता है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ ने 30 अगस्त के अपने आदेश में कहा कि, स्टे ऑर्डर केवल ईडी जांच पर प्रभावी है, अन्य कानूनी कार्रवाइयों पर इसका कोई असर नहीं होगा। पीठ ने यह भी बताया कि कोर्ट द्वारा 11 जून 2024 के आदेश में जो विशिष्ट निर्देश दिए गए थे, उनका अनुपालन नहीं किया गया है।



हलफनामा दायर करने का आदेश
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को आदेश दिया है कि वह इस आदेश की तारीख से चार सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर करे। इसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि नोएडा प्राधिकरण ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फरवरी 2024 के निर्णय के पैराग्राफ 117 में दिए गए निर्देशों का पालन किया है या नहीं। यदि अनुपालन नहीं किया गया है, तो इसके कारण बताए जाएंगे। यह अंतरिम आदेश, आज के संशोधनों के अधीन, 2 एसएलपी (सी) संख्या 12784-12786/2024 की अगली सुनवाई की तारीख तक जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 09 दिसंबर 2024 के सप्ताह में फिर से सूचीबद्ध किया है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कहा है कि अदालत के निर्देशानुसार समय सीमा के भीतर जवाब दाखिल किया जाएगा।

ईडी ने की पक्षकार बनाने की मांग
वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर खुद को इस मामले में पक्षकार बनाने की मांग की है। ईडी ने कहा है कि उसने उच्च न्यायालय के फरवरी 2024 के आदेश के आधार पर जांच शुरू की है। ईडी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि डेवलपर कंपनी ने घर खरीदारों के पैसे को डायवर्ट किया और प्रमोटरों/निदेशकों ने एक ही कार्यप्रणाली का उपयोग करके कई परियोजनाओं में घर खरीदारों को धोखा दिया है।

नोएडा प्राधिकरण और डेवलपर्स ने दायर की थी समीक्षा याचिका 
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फरवरी 2024 के आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण और डेवलपर्स दोनों ने समीक्षा याचिका दायर की थी, जिन्हें खारिज कर दिया गया। प्राधिकरण ने लोटस 300 परियोजना की रजिस्ट्री में असमर्थता जताई और बताया कि डेवलपर पर लगभग 166 करोड़ रुपये की बकाया राशि अभी भी शेष है।

ये भी पढ़ें- वाराणसी बना पूर्वांचल का सर्वप्रिय पर्यटन स्थल : 8.54 करोड़ से अधिक पहुंचे पर्यटक, मिर्जापुर का विंध्याचल दूसरे स्थान पर

Also Read

जमीन से लेकर उद्यान विभाग तक भ्रष्टाचार, सरदार मोहिंदर सिंह पर बड़ा आरोप

19 Sep 2024 05:26 PM

गौतमबुद्ध नगर बसपा काल का महाघोटाला : जमीन से लेकर उद्यान विभाग तक भ्रष्टाचार, सरदार मोहिंदर सिंह पर बड़ा आरोप

इन तीनों प्राधिकरणों के चेयरमैन रहे सरदार मोहिंदर सिंह के कार्यकाल में यह घोटाला हुआ। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए इन प्राधिकरणों को आर्थिक संकट में धकेल दिया... और पढ़ें