बिजनौर के पूर्व सांसद मलूक नागर को बड़ा झटका लगा है। अब पूर्व सांसद को सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा। इस संबंध में केंद्र सरकार के संपदा विभाग ने मलूक नागर को नोटिस भेजा है...
मलूक नागर को झटका : पूर्व सांसद को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला, संपदा विभाग ने भेजा नोटिस...
Oct 02, 2024 16:07
Oct 02, 2024 16:07
संपदा निदेशालय ने क्यों भेजा नोटिस
मलूक नागर पर आरोप है कि बंगले में उनका स्टॉफ और नजदीकी लोग भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं। लोकसभा चुनाव हारने के बाद उनको सरकारी बंगला खाली करना था, लेकिन वह संपदा निदेशालय के नोटिस को भी दरकिनार कर रहे हैं। बंगले में उनकी कई लग्जरी गाड़िया भी खड़ी हैं। मलूक नागर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी प्राइवेट गाड़ियों को पुलिस एस्कॉर्ट बना रखा है।
कौन हैं मलूक नागर
मलूक नागर उत्तर प्रदेश के अरबपति रियल स्टेट कारोबारी हैं। मलूक नागर के नामांकन दाखिले के अनुसार उनके पास 249 करोड़ रुपए नकद हैं और उनके खिलाफ 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनका जन्म 3 जुलाई, 1964 को हापुड़ जिले के शकरपुर गांव में हुआ। 1985 में, उन्होंने हापुड़ के एसएसवी डिग्री कॉलेज से विज्ञान में स्नातक (बीएससी) की डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने व्यवसाय की ओर कदम बढ़ाने का निर्णय लिया।
मलूक नागर का राजनीतिक सफर
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मलूक नागर को 2009 में मेरठ और 2014 में बिजनौर से चुनावी उम्मीदवार बनाया, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा ने मिलकर उन्हें फिर से प्रत्याशी घोषित किया। इस बार मलूक नागर ने काफी बड़े वोट के अंतर से जीत हासिल की। इसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले बिजनौर संसदीय सीट से लोकसभा सदस्य मलूक नागर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देते हुए उन्होंने 2 पन्ने की चिढ्ढी लिखी, जिसमें उन्होंने पार्टी छोड़ने की वजह बताई। मालूक नागर ने साल 2006 में पार्टी ज्वाइन की थी, उन्हें उत्तर प्रदेश के सबसे अमीर सांसद के तौर पर जाना जाता है।
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