कौन हैं IAS प्रफुल्ल देसाई : विकलांग कोटे के दुरुपयोग पर एक और आईएएस घिरे, अब बयान जारी कर देनी पड़ी सफाई

विकलांग कोटे के दुरुपयोग पर एक और आईएएस घिरे, अब बयान जारी कर देनी पड़ी सफाई
UPT | IAS Praful Desai

Jul 18, 2024 15:30

आईएएस अधिकारी प्रफुल्ल देसाई ने UPSC परीक्षा में EWS और ऑर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड श्रेणी में AIR 532 प्राप्त की थी। हालांकि, उनके सोशल मीडिया पर साइकिल चलाते, टेनिस खेलते, राफ्टिंग करते और घुड़सवारी करते हुए तस्वीरें सामने आने के बाद उनकी योग्यता पर सवाल उठने लगे।

Jul 18, 2024 15:30

IAS Praful Desai : आईएएस अधिकारी प्रफुल्ल देसाई इन दिनों विवादों में हैं। उन्होंने UPSC परीक्षा में EWS और ऑर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड श्रेणी में AIR 532 प्राप्त की थी। हालांकि, उनके सोशल मीडिया पर साइकिल चलाते, टेनिस खेलते, राफ्टिंग करते और घुड़सवारी करते हुए तस्वीरें सामने आने के बाद उनकी योग्यता पर सवाल उठने लगे। कई यूजर्स ने पूछा कि जो व्यक्ति इतनी शारीरिक गतिविधियां कर सकता है, वह दिव्यांग कोटे से कैसे चयनित हो सकता है। इन आरोपों के जवाब में, प्रफुल्ल देसाई ने खुद सोशल मीडिया पर तीन फोटो शेयर कीं और अपने UPSC चयन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया।
  विकलांग कोटे के दुरुपयोग पर IAS प्रफुल्ल देसाई घिरे
IAS अधिकारी प्रफुल्ल देसाई विकलांग कोटे के दुरुपयोग को लेकर विवादों में घिर गए हैं। साक्षी नाम की एक एक्स यूजर ने उनसे सवाल किया कि लोग उनकी साइकिल चलाने, टेनिस खेलने, राफ्टिंग और घुड़सवारी करने की तस्वीरें साझा कर रहे हैं। और दावा कर रहे हैं कि आप LBSNAA में कठोर प्रशिक्षण के बाद पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। अब जब ये तस्वीरें सार्वजनिक हो गई हैं, तो आपने अचानक अपना अकाउंट निजी बना लिया है। आपको किस बात का डर है? कृपया UPSC की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए उम्मीदवारों की शंकाओं का समाधान करें। कई मेहनती छात्र समर्पण और कड़ी मेहनत के माध्यम से अपने सपनों को जीवित रखते हैं। कृपया उन्हें जवाब दें सर!

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IAS ने बयान जारी कर दी सफाई
IAS अधिकारी ने अपने विकलांगता प्रमाण पत्र पर उठे सवालों का जवाब देते हुए एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी बेंचमार्क विकलांगता प्रमाण पत्र के साथ UPSC परीक्षा के लिए आवेदन किया था। 2018 और 2019 की परीक्षाओं के दौरान, वे UPSC भवन में साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुए और अगले दिन AIIMS दिल्ली के मेडिकल बोर्ड के सामने चिकित्सा परीक्षण के लिए गए। दोनों बार, AIIMS के मेडिकल बोर्ड ने पूरी जांच के बाद प्रमाणित किया कि वे बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति हैं। 2018 में वे परीक्षा पास नहीं कर सके, लेकिन 2019 में सफल रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह रिपोर्ट DoPT और UPSC के साथ साझा की गई थी।



IAS प्रफुल्ल ने बताई फोटो के पिछे की सच्चाई
IAS अधिकारी ने अपनी विवादास्पद तस्वीरों के पीछे की सच्चाई बताई। उन्होंने कहा कि साइकिल चलाने, ट्रैकिंग और अन्य गतिविधियां उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा थीं, जो सहकर्मियों के साथ संबंध बनाने के लिए की गईं। उन्होंने पूछा कि क्या एक शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति का अपनी सीमाओं को पार करने और सामान्य जीवन जीने की कोशिश करना गलत है। उन्होंने नेटिजन्स से अनुरोध किया कि वे बिना पूरी जानकारी के निष्कर्ष न निकालें और वास्तविक लोगों तथा उनके परिवारों के प्रति संवेदनशील रहें। अधिकारी ने यह भी कहा कि वे अब भी किसी भी मेडिकल बोर्ड की परीक्षा का सामना करने के लिए तैयार हैं। 

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कौन हैं IAS प्रफुल्ल देसाई
आईएएस प्रफुल्ल देसाई, जिन्होंने 2019 की UPSC परीक्षा में EWS और ऑर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड श्रेणी में 532वीं रैंक हासिल की है। कर्नाटक के बेलगावी जिले के एक किसान परिवार से आने वाले देसाई ने अपनी विकलांगता के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष की आयु में उनका बायां पैर पोलियो से प्रभावित हुआ था। हालांकि उनका पैर पूरी तरह से लकवाग्रस्त नहीं था, लेकिन उसमें कुछ हद तक विकलांगता थी। UPSC में सफलता से पहले, देसाई ने कर्नाटक सिंचाई विभाग में लगभग तीन महीने तक असिस्टेंट इंजीनियर के रूप में कार्य किया था।
  तीसरे प्रयास में बने IAS 
प्रफुल्ल देसाई का IAS बनने का पहला प्रयास 2017 में किया था जो असफल रहा, जब वे प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाए। 2018 में, दूसरे प्रयास में, उन्होंने इंटरव्यू तक पहुंचने में सफलता पाई। शारीरिक विकलांगता कोटे के तहत आवेदन करने के कारण, UPSC ने उन्हें AIIMS के मेडिकल बोर्ड द्वारा परीक्षण कराया, जिसमें उन्हें 40% बेंचमार्क विकलांगता का प्रमाणपत्र मिला। हालांकि, मुख्य परीक्षा में कम अंकों के कारण वे दूसरे प्रयास में भी सफल नहीं हो पाए। आखिरकार, 2019 में तीसरे प्रयास में उन्होंने AIR 532 प्राप्त करके IAS अधिकारी बनने में सफलता हासिल की।

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