छठ का तीसरा दिन आज : घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचेंगी महिलाएं, जान लीजिए यूपी के शहरों में सूर्यास्त का समय

घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचेंगी महिलाएं, जान लीजिए यूपी के शहरों में सूर्यास्त का समय
UPT | छठ का तीसरा दिन आज

Nov 07, 2024 14:40

आज 7 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जब पूरे उत्तर भारत में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा का है

Nov 07, 2024 14:40

Short Highlights
  • छठ का तीसरा दिन आज
  • सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचेंगी महिलाएं
  • चार दिन तक चलता है आयोजन
New Delhi : आज 7 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जब पूरे उत्तर भारत में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा का है। छठ पूजा में सबसे महत्वपूर्ण समय होता है सूर्यास्त के दौरान डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देना। इस दिन व्रती महिलाएं पूरे परिवार के साथ घाटों पर पहुंचकर सूर्य देवता और छठी माई की पूजा करती हैं, ताकि उनके घर में सुख-समृद्धि और संतान की लंबी उम्र बनी रहे।

यूपी के शहरों में सूर्यास्त का समय
देश के विभिन्न शहरों में सूर्यास्त का समय अलग-अलग होता है। आज लखनऊ में सूर्यास्त 05:20 बजे होगा, जबकि गोरखपुर में यह 05:10 बजे, वाराणसी में 05:14 बजे और गाजीपुर में 05:11 बजे हो रहा है। देवरिया में सूर्यास्त 05:09 बजे होगा, वहीं बलिया में यह 05:08 बजे होगा। कुशीनगर और प्रयागराज में सूर्यास्त का समय 05:20 और 05:19 बजे है। आजमगढ़ में यह 05:09 बजे होगा, जबकि घोसी में सूर्यास्त का समय 05:10 बजे निर्धारित किया गया है। कानपुर में सूर्यास्त 05:22 बजे और आगरा में 05:31 बजे होगा। मेरठ में सूर्यास्त का समय 05:28 बजे है।



चार दिन तक चलता है आयोजन
छठ महापर्व का आयोजन चार दिनों तक चलता है, जिसमें पहला दिन नहाय-खाय, दूसरा खरना, तीसरा दिन सूर्यास्त के समय सूर्य देवता को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने का होता है। इस महापर्व का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जब व्रति महिलाएं सूर्य देवता को पानी में उतरकर अर्घ्य देती हैं। व्रति महिलाएं इस दिन विशेष रूप से कठोर उपवास करती हैं, जिसमें वे न तो पानी पीती हैं, न कुछ खाती हैं।

छठ माता का है विशेष महत्व
शास्त्रों में छठ माता को सूर्य देवता की बहन माना गया है और इस पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह संतान की रक्षा और सुख-समृद्धि की कामना करने का एक माध्यम है। माना जाता है कि देवी सीता, कुंती और द्रोपदी ने भी इस पूजा को किया था। छठ पूजा के दौरान व्रति महिलाएं संतान सुख और अच्छे स्वास्थ्य के लिए छठ माता और सूर्य देवता का पूजन करती हैं।

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