इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज में एक अनोखी गैलरी का नवीनीकरण किया जा रहा है, जो न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी तरह की पहली गैलरी होगी...
महाकुंभ 2025 : देश-दुनिया के श्रद्धालु सुन सकेंगे हिंदी के दिग्गज कवियों-लेखकों की ओरिजिनल आवाज, मिलेगा अनूठा अनुभव
Nov 08, 2024 21:12
Nov 08, 2024 21:12
- महाकुंभ 2025 के लिए बड़ी तैयारी
- प्रयागराज संग्रहालय में बनाई जाएगी हिंदी साहित्यकारों की गैलरी
- श्रद्धालुओं को मिलेगा अनूठा अनुभव
हिंदी साहित्यकारों की असली आवाज सुनने का अवसर
इस गैलरी में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक सुमित्रानंदन पंत, मैथिलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर और अज्ञेय जैसे दिग्गज हिंदी साहित्यकारों को उनकी असली आवाज में सुनने और देखने का अवसर पाएंगे। इस विशेष परियोजना के लिए संग्रहालय की ओर से व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।
देश-विदेश के पर्यटकों के लिए बनेगा आकर्षण का केंद्र
हिन्दी के दिग्गज कवियों और लेखकों की यह गैलरी देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनने जा रही है। इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज ने इसके लिए बाकायदा तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्र कहते हैं कि सरकार के संकल्प को अमली जामा पहनाने और दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन को नव्य, भव्य और अविस्मरणीय बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं।
कवियों की वीडियो भी देख सकेंगे
उन्होंने बताया कि महाकुंभ से पहले ही देश के दिग्गज साहित्यकारों की गैलरी बनाने का काम इलाहाबाद संग्रहालय प्रयागराज में चल रहा है। जिसमें पंत, गुप्त से लेकर महादेवी, दिनकर और अज्ञेय तक को लोग देख भी सकेंगे। साथ ही साथ उनकी आवाज में कविताएं भी सुन सकेंगे। सबसे खास बात तो ये है कि ये इन महान साहित्यकारों की ओरिजनल आवाज रहेगी। इसमें कवियों के ऐसे वीडियो भी जनता को देखने को मिलेंगे, जो इन्होंने अपने जीवनकाल में गाए और सुनाए होंगे।
आकाशवाणी से भी चल रही बात
डॉ. राजेश मिश्र के अनुसार इन सभी बड़े साहित्यकारों को कविता पाठ करते देखना और सुनना अपने आप में अलौकिक अनुभव होगा। संग्रहालय में तो इसके लिए जरूरी इंतजाम किए ही जा रहे हैं, महाकुंभ के दौरान भी श्रद्धालुओं को इन महानतम कवियों की रचनाओं का आनन्द मिल सके, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए फिल्म डिवीजन और दूरदर्शन के साथ साथ आकाशवाणी से भी इलाहाबाद संग्रहालय की बात चल रही है। वहां से इन प्रमुख कवियों की रचनाओं की लिस्ट भी आ चुकी है।
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