प्रयागराज महाकुंभ 2025 : ई-रिक्शा चालकों से नाविकों तक, सभी को मिलेगी खास ट्रेनिंग, पुलिस पूछेगी 'मे आई हेल्प यू'

ई-रिक्शा चालकों से नाविकों तक, सभी को मिलेगी खास ट्रेनिंग,  पुलिस पूछेगी 'मे आई हेल्प यू'
UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Oct 19, 2024 18:51

इस प्रक्रिया में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, जिसके लिए योगी सरकार ने पुलिसकर्मियों के लिए तीन सेशनों में दो प्रकार के प्रशिक्षण का निर्णय लिया है और पहले सेशन का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है...

Oct 19, 2024 18:51

Short Highlights
  • नाविकोंऔर ई-रिक्शा चालकों को भी किया जाएगा प्रशिक्षत
  • 16 अक्टूबर से शुरू हो चुकी ट्रेनिंग 
  • तीन सेशन में दिया जाएगा प्रशिक्षण
Prayagraj News : योगी सरकार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। मेले में श्रद्धालुओं के साथ विनम्रता से पेश आने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वे एक सुखद अनुभव लेकर जाएं और इस अनुभव को दूसरों के साथ साझा कर सकें। इस प्रक्रिया में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, जिसके लिए योगी सरकार ने पुलिसकर्मियों के लिए तीन सेशनों में दो प्रकार के प्रशिक्षण का निर्णय लिया है और पहले सेशन का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है।

ई-रिक्शा चालकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
इसके साथ ही, श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नाविकों और गोताखोरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, ई-रिक्शा और टैंपो चालकों को तय किराए के संबंध में और अन्य आवश्यक जानकारियों के लिए भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य महाकुंभ को सफल और सुरक्षित बनाना है, जिससे सभी श्रद्धालुओं को एक यादगार अनुभव मिले।



तीन सेशन में होगी ट्रेनिंग 
महाकुंभ मेला एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ, अच्छा व्यवहार करने के लिए विभाग को रणनीति तैयार करने के निर्देश दिये थे। इसके तहत पुलिसकर्मियों को तीन सेशन में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है। सीएम योगी से हरी झंडी मिलने के बाद पुलिसकर्मियों के पहले सेशन का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है।

पुलिसकर्मियों को दो तरह के दिए जाएंगे प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को दो तरह के प्रशिक्षण दिये जाएंगे। इनमें अंत: और बाह्य प्रशिक्षण शामिल हैं। इसे तीन सेशन में विभाजित किया गया है। इसमें पहला सेशन 21 दिन, दूसरा सेशन 14 दिन और तीसरा सेशन 7 दिन का होगा। इसमें पहले सेशन का प्रशिक्षण 16 अक्टूबर से शुरू हो गया है। एसएसपी ने बताया कि अंत: प्रशिक्षण (इन डेप्थ) को भी सात चरणों में विभाजित किया गया है। इसमें पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल के तहत श्रद्धालुओं से कैसा व्यवहार करना है, इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है।

जेंडर सेंसटाइजेशन का प्रशिक्षण
इसी तरह जेंडर सेंसटाइजेशन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्​देश्य बड़ी संख्या में आने वाली महिला श्रद्धालुओं को लेकर है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में हर जगह महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की जा सकती है। ऐसे में पुरुष पुलिसकर्मियों से उनकी प्राइवेसी समेत अन्य चीजों को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं महाकुंभ के समय पुलिसकर्मियों पर काफी दबाव होगा। ऐसे में इससे कैसे निपटना है, इसके लिए तनाव प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है। 

भाषिनी एप और चैटबॉट से लैस होंगे पुलिसकर्मी
एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। उनकी भाषा भी अलग-अलग है। इसके लिए भाषिनी एप तैयार किया गया है। पुलिसकर्मियों को भाषिनी एप के संचालन की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके जरिये विभिन्न भाषा बोलने वाले श्रद्धालुओं की भाषा को समझने और उन्हें गाइड करने के लिए एप का इस्तेमाल कर सकेंगे। वहीं पुलिसकर्मियों को चैटबॉट के संचालन की भी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि श्रद्धालुओं की सवालों को जवाब दे सकें।

एआई का भी किया जा रहा इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि महाकुंभ को सुरक्षा और भव्य आयोजित करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाएगा। पुलिसकर्मियों को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि दूसरे बाह्य प्रशिक्षण के तहत पुलिसकर्मियों को महाकुंभ मेले के भौगाेलिक क्षेत्र की जानकारी दी जाएगी। इसमें उन्हे उनके ड्यूटी प्वाइंट से जुड़ी अहम जानकारी, उसकी संवेदनशीलता और कठिन परिस्थितियों में लगातार ड्यूटी करने के लिए समर्थ बनाना शामिल है। 

श्रद्धालुओं से अदब से पेश आने की ट्रेनिंग  
महाकुंभ में आने वाले संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए नाविकों और गोताखोरों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें नाविकों को सभी सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल करने एवं श्रद्धालुओं के इसके लिए प्रेरित करना आदि शामिल है। वहीं ई-रिक्शा और टैंपो चालकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें श्रद्धालुओं से तय किराया लेने, अच्छा व्यवहार करने, निर्धारित रूट पर चलने, चौराहों आदि पर जाम न लगाने आदि की ट्रेनिंग शामिल है।

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