डिजिटल के बाद अब ऑफिस अरेस्ट के मामले बढ़ने लगे : महिला ने खुद को एसआईटी का सदस्य बताकर बाबू से 80 हजार ठगे 

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Oct 29, 2024 21:45

जालसाज अब सरकारी कार्यालयों को निशाना बनाकर वहां काम करने वाले कर्मचारियों को अपने झांसे में ले रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण 19 अक्टूबर को आगरा के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में देखने को मिला, जहां एक महिला ने खुद को एसआईटी का सदस्य बताकर बाबू गोपाल कृष्ण शर्मा को धमकाया और उनसे 80,000 रुपये ठग लिए।

Agra News : अगर आप आगरा या उसके आस-पास के क्षेत्र में रहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आगरा में अब तक डिजिटल ठगी के कई मामले सामने आते रहे हैं, जिनमें लोगों को डिजिटल माध्यमों से ठगने की घटनाएं होती थीं। लेकिन अब, केंद्र और राज्य सरकार की जागरूकता अभियान की मदद से लोग डिजिटल ठगी से काफी हद तक सावधान हो चुके हैं। इससे इन जालसाजों ने ठगी का एक नया तरीका अपनाया है, जिसे ‘ऑफिस अरेस्ट’ का नाम दिया जा रहा है। हाल ही में आगरा में ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जिनमें जालसाजों ने शिक्षा विभाग के दो कर्मचारियों के साथ इस तरीके से ठगी की है।


क्या है 'ऑफिस अरेस्ट' का मामला?
आगरा पुलिस और सरकारों द्वारा जागरूकता के बावजूद जालसाज नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अब डिजिटल ठगी की बजाय सरकारी कार्यालयों को निशाना बनाकर वहां काम करने वाले कर्मचारियों को अपने झांसे में लिया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण 19 अक्टूबर को आगरा के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में देखने को मिला, जहां एक महिला ने खुद को एसआईटी का सदस्य बताकर बाबू गोपाल कृष्ण शर्मा को धमकाया और उनसे 80,000 रुपये ठग लिए।

पीड़ित गोपाल कृष्ण शर्मा के अनुसार, कुछ दिन पहले एक महिला किसी काम के बहाने उनके कार्यालय में आई थी। उसने कुछ जानकारी ली और वापस चली गई। 19 अक्टूबर को जब गोपाल शर्मा किसी काम से कार्यालय से बाहर निकले, तो वही महिला उनके सामने आ गई और खुद को एसआईटी का सदस्य बताते हुए उन्हें अपनी "हिरासत" में लेने की धमकी दी। उसने शर्मा को बताया कि उनके खिलाफ कई शिकायतें हैं और उन्हें एसआईटी की टीम के सामने पेश होना होगा। महिला और उसके साथियों ने शर्मा को इतना डराया कि उन्हें समझने और सोचने का समय ही नहीं मिला और उन्होंने ठगों को करीब 80,000 रुपये दे दिए।

उच्च अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जब उत्तर प्रदेश टाइम्स ने इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक मानवेंद्र सिंह से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने बाबू गोपाल कृष्ण शर्मा से पूछताछ की है और वे उनसे बातचीत करके घटना की और जानकारी प्राप्त करेंगे।

एक और कर्मचारी भी ठगी का शिकार
यह मामला केवल एक घटना तक सीमित नहीं है। बताया जा रहा है कि इसी प्रकार की घटना आगरा के शिक्षा भवन स्थित उपनिदेशक कार्यालय में कार्यरत एक और बाबू के साथ भी घटित हुई थी। इस बाबू से जालसाजों ने 80,000 से अधिक की ठगी की। ये ठग सिर्फ आगरा तक ही सीमित नहीं हैं; इसके अलावा फिरोजाबाद और अलीगढ़ में भी इसी प्रकार की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। फिलहाल, पीड़ित अब पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं।

पुलिस के लिए चुनौती
यह नई प्रकार की ठगी पुलिस के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। पहले ही आगरा में डिजिटल ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें एक महिला की मृत्यु भी हो चुकी है। आगरा पुलिस ने डिजिटल ठगी के कई मामलों में गिरफ्तारी भी की है, लेकिन अब इस नए प्रकार के ‘ऑफिस अरेस्ट’ ठगी ने पुलिस को परेशान कर दिया है। इस मामले में पुलिस को सतर्क रहकर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ऐसे ठगों को पकड़ा जा सके और सरकारी कर्मचारियों को ठगी का शिकार होने से बचाया जा सके।

सावधानी बरतने की सलाह
सरकार और पुलिस की ओर से लोगों को इस प्रकार की ठगी से बचने की सलाह दी जा रही है। सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को विशेष रूप से जागरूक रहना चाहिए और किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ऐसी धमकियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति खुद को किसी जांच एजेंसी का सदस्य बताता है, तो पहले उसके आईडी कार्ड और उसकी पहचान की पुष्टि करें। पुलिस से संपर्क कर इस बारे में पूरी जानकारी लें ताकि आप किसी ठगी का शिकार न बनें।

इस घटना से साफ है कि जालसाज अपने तरीकों में बदलाव कर रहे हैं और लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे में हमें और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की ठगी से सुरक्षित रह सकें। 

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