Agra News : तेजोमहालय में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग को लेकर अब 6 मार्च को होगी सुनवाई

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jan 20, 2025 18:49

मोहब्बत की बेमिसाल इमारत एक बार फिर चर्चाओं में है। बेशक ताजमहल को दुनियां शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज़ की याद में बनाए गए...

Agra News : मोहब्बत की बेमिसाल इमारत एक बार फिर चर्चाओं में है। बेशक ताजमहल को दुनियां शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज़ की याद में बनाए गए। इस अनूठी इमारत के रूप में जानते हों लेकिन हिंदूवादी आज भी इसे एक शिव मंदिर यानि कि तेजोमहालय मानते हैं, इसलिए वह कभी ताजमहल परिसर में प्रवेश कर गंगा जल चढ़ाने का प्रयास करते तो कभी तेजोमहालय पर पहुंच कर आरती उतारते हैं। ताज महल या तेजो महल को लेकर जिला एवं सत्र न्यायालय में वाद दायर किया गया था, जिसकी तारीख आज 20 जनवरी को दीवानी परिसर में थी। 



जैदी की कोई प्राईवेट प्रोपर्टी नहीं पिछली सुनवाई 16 दिसंबर 2024 को हुई थी जिसमें मुस्लिम समुदाय के सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के अधिवक्ता पेश नहीं हुए थे, इसलिए बहस नहीं हो सकी। कांग्रेस नेता सैयद इब्राहिम हुसैन ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताते हुए पक्षकार बनने को दी थी अर्जी। जिस पर वादी कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने 7 अक्टूबर को आपत्ति दाखिल करते हुए कहा था कि ताजमहल सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की कोई प्राईवेट प्रोपर्टी नहीं है ना हीं वो शाहजहां मुमताज के वंशज इसलिए उन्हें पक्षकार ना बनाया जाएं।    ये भी पढ़ें : अंबेडकरनगर के राजकीय पार्क जर्जर : बोटिंग और फव्वारे बंद, सुंदरीकरण के लिए भेजा गया प्रस्ताव
  आज यूपी टाइम्स ने जब तारीख के बाद वादी एवं योगी यूथ ब्रिगेड के अजय तोमर  से बात की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब मुगलों ने देश पर आक्रमण किया था तब उन लोगों ने हमारे मंदिरों एवं सभी धार्मिक स्थलों को तोड़कर मस्जिदों का भारी संख्या में निर्माण कराया था। आज जब हम बहुत संख्या हैं तो हम अपनी संपत्तियां मांग रहे हैं, जो हमारा अधिकार है। वादी अजय तोमर ने कहा कि जिस तरीके से अयोध्या को लेकर मुस्लिम पक्षकार उसको अपना बनाते रहे इस तरह काशी, श्री कृष्ण जन्मभूमि और ताजमहल को लेकर भी वह वक्फ की संपत्ति बताते हैं। 

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यह एक हिंदू शिव मंदिर... जिला एवं सत्र न्यायालय में तेजो महल को लेकर वह दायर करने वाले योगी बिग्रेड के प्रदेश अध्यक्ष अजय तोमर ने यूपी टाइम्स को बताया कि आखिर दुनिया की किसी मस्जिद या मुसलमानों की धार्मिक स्थलों के नजदीक में नदी बहती है, क्या किसी मस्जिद पर अशोक या हिंदुओं के चिन्ह मिलते हैं। लेकिन तेजोमहालय के आसपास सैकड़ों शिव मंदिर हैं, यही नहीं तेजो महल भी यमुना किनारे बना हुआ है, जिससे भक्त यमुना जी से जल लेकर शिव पर अर्पित कर सके और अपनी पूजा को विधिवत संपन्न करा सकें। उन्होंने कहा के तेजो महल पर तमाम ऐसे प्रतीक चिन्ह है जो साफ-साफ बता रहे हैं कि यह एक हिंदू शिव मंदिर है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष कर बेवजह न्यायालय का समय बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाए, उन्होंने कहा कि एएसआई भी मुस्लिम पक्षकार के साथ मिलकर तथ्य को छुपा रहा है। 
केस लड़ना एएसआई की जिम्मेदारी उन्होंने कहा कि 27 नवंबर को हुई सुनवाई में प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ.राजकुमार पटेल के अधिवक्ता ने भी सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने वाली अर्जी पर आपत्ति दाखिल की थी और कहा था की ताजमहल से संबंधित जानकारी मुहैया कराना और केस लड़ना एएसआई की जिम्मेदारी है, सैयद इब्राहिम हुसैन को कोई अधिकार नहीं है जिस पर आज सोमवार को 20 जनवरी को न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत में दोपहर 2:00 बजे सुनवाई हुई। जिसमें प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ.राजकुमार पटेल के अधिवक्ता सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी उपस्थिति नहीं हुए जिसके चलते 6 मार्च की अगली तारीख दे दी गयी है। अब इस प्रकरण में न्यायालय 6 मार्च को सुनवाई करेगा।    वहीं पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट 1991 पर सुनवाई करते हुए अभी नई मुकदमे न्यायालय में लेने पर एवं मंदिर मस्जिद से जुड़े लंबित मुकदमों में निचली अदालतों को कोई भी आदेश जारी करने पर भी रोक लगा दी गई है।    करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र वादी कुंवर अजय तोमर ने आरोप लगाते हुए कहा कि तेजोमहालय को शाहजहां ने अपने शासनकाल में राजा जयसिंह से धोखे से हड़प लिया था और झूठी कहानी लिखी गई कि यहां शाहजहां मुमताज की कब्र है और मकबरा है। वादी कुंवर अजय तोमर का कहना है कि ताजमहल तेजोमहालय शिव मंदिर है करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है जिसे लेकर रहेंगे ।
न्यायालय कोई ना कोई फैसला जरूर लेगा अजय तोमर ने यूपी टाइम्स से बात करते हुए कहा कि आज न्यायालय ने एक बार फिर तारीख दे दी है लेकिन इस बार सुनवाई निर्णायक होगी, और इस सुनवाई में कोई न कोई निर्णय निकल कर आएगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय को अधिक दिनों तक झूठ नहीं परोसा जा सकता, न्यायालय सब जानता है। उन्होंने विश्वास जताया कि 6 मार्च की डेट को न्यायालय कोई ना कोई फैसला जरूर लेगा। वहीं उन्होंने कहा कि इस समय प्रयागराज में महाकुंभ लगा हुआ है, इस महाकुंभ में देश भर के संत और महामंडलेश्वर पहुंचे हुए हैं। वह महाकुंभ में पहुंचकर 26 जनवरी को तेजो महालय की मुक्ति के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और वहां पर आए हुए अखाड़ों एवं संतों से तेजोमहालय की मुक्ति एवं आंदोलन के लिए समर्थन प्राप्त करेंगे। 

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