आशा मालवीय की साइकिल यात्रा : सशक्त सेना और समृद्ध भारत का संदेश लेकर आगरा पहुंचीं राष्ट्रीय एथलीट

UPT | आशा मालवीय की साइकिल यात्रा

Dec 10, 2024 17:43

सशक्त सेना और समृद्ध भारत का संदेश लेकर राष्ट्रीय एथलीट और साइकिलिस्ट आशा मालवीय आगरा पहुंची। उन्होंने अपनी साइकिल यात्रा के दौरान देशभर के विभिन्न स्थानों पर अपने अनुभव साझा किए...

Agra News : सशक्त सेना और समृद्ध भारत का संदेश लेकर राष्ट्रीय एथलीट और साइकिलिस्ट आशा मालवीय आगरा पहुंची। उन्होंने अपनी साइकिल यात्रा के दौरान देशभर के विभिन्न स्थानों पर अपने अनुभव साझा किए और बताया कि वह संपूर्ण भारत की एकल महिला साइक्लिस्ट हैं। यह यात्रा उन्होंने कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती के अवसर पर कन्याकुमारी से शुरू की थी। 26 जुलाई 2024 को वह कारगिल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ भारत की सेना को सशक्त बनाने और समृद्ध भारत का संदेश पूरे विश्व में फैलाने का कार्य कर रही हैं।

15 अगस्त को सियाचिन पहुंचीं
आशा मालवीय ने बताया कि इसके बाद वह दिल्ली पहुंची और फिर दिल्ली से लौटते समय आगरा आईं। आगरा में अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने 13,900 किलोमीटर की दूरी तय की है। इस यात्रा के एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में वह 15 अगस्त को हिमाच्छादित सियाचिन पहुंची और भारत के वीर सपूतों को नमन किया। 6 सितंबर 2024 को वह दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित मोटरेबल रोड से होकर आगरा पहुंची।



महिला सशक्तिकरण पर जोर
आशा मालवीय मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के नाटाराम गांव की रहने वाली हैं और पूर्व में 01.11.2022 से 15.08.2023 तक संपूर्ण भारत में 26,000 किलोमीटर की एकल महिला साइकिल यात्रा कर चुकी हैं। उनका उद्देश्य महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था।

सफलता की कहानी
आशा ने अपनी यात्रा के दौरान महिलाओं और युवतियों को हमेशा प्रेरित किया और उनसे कहा कि उन्हें डर से लड़ना चाहिए, क्योंकि डर केवल एक मानसिक भ्रम होता है। उन्होंने यह भी बताया कि जब वह दो साल की थीं, उनके पिता का निधन हो गया था और उनकी मां ने मजदूरी करके उनका पालन-पोषण किया। अब वह अपनी मां के सपनों को पूरा कर रही हैं और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन रही हैं।

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