जिस बल्ले से हमारे दिग्गज विरोधियों को परास्त करते हैं, आज वही बल्ला तस्करी के लिए भी उपयोग में लाया जा रहा है। सिविल पुलिस हो या फिर आरपीएफ या जीआरपी, हर फोर्स में कहीं न कहीं क्रिकेट खेल के लिए अपनी एक अलग ही जगह है। यही कारण है कि गांजा तस्करों ने क्रिकेट को तस्करी का सबसे मुफीद जरिया....