Agra News : ब्रज रत्न अवार्ड समारोह में केरल के राज्यपाल ने की भारतीय कला और परंपराओं की महत्ता पर चर्चा

UPT | केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद सिने स्टार राज बब्बर को बृज रत्न अवार्ड से सम्मानित करते हुए।

Oct 17, 2024 21:58

भारतीय शास्त्रीय परंपराएं और कला केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि कला वह माध्यम है जो मनुष्य को परमात्मा से जोड़ने में सक्षम है।

Short Highlights
  • ब्रज के दस रत्नों को मिला अवार्ड, ब्रज की संस्कृति-धरोहर को सहेजने का जिम्मा भी 
  • इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन ने किया 'ब्रज रत्न अवार्ड' समारोह का आयोजन 
Agra News : भारतीय शास्त्रीय परंपराएं और कला केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि कला वह माध्यम है जो मनुष्य को परमात्मा से जोड़ने में सक्षम है। यह विचार केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने गुरुवार को आगरा के फतेहाबाद स्थित होटल जेपी पैलेस में आयोजित ब्रज रत्न अवार्ड समारोह के आठवें संस्करण में व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ज्ञान की धारा स्थायी होती है, जबकि भौतिक विकास क्षणिक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि विजय को स्थायी बनाए रखने के लिए उसके उत्सव का होना आवश्यक है।

समारोह का शुभारंभ
समारोह का शुभारंभ राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान, इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन पूरन डावर, आयोजन समिति के स्क्वार्डन लीडर एके सिंह, किशोर खन्ना, राजेश गर्ग और शारदा यूनिवर्सिटी के चांसलर वाईके गुप्ता द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात चयनित पुरस्कार विजेताओं को "ब्रज रत्न" की ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।

सकारात्मकता और युवा पीढ़ी के लिए संदेश
फाउंडेशन के चेयरमैन पूरन डावर ने समारोह में सकारात्मकता से भरे शब्दों के साथ अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है, यदि ठान लिया जाए तो मनचाही मंजिल तक पहुंचना आसान हो जाता है।" उनके इस प्रेरक भाषण ने समारोह में मौजूद सभी दर्शकों को उत्साह से भर दिया। उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि सफलता की नई इबारत लिखने के लिए ऐसे आयोजनों का होना अत्यंत आवश्यक है, जिससे ब्रज की संस्कृति और धरोहर को भी संरक्षित किया जा सके।



कला और देशप्रेम का महत्व
अभिनेता सुरेंद्र पाल ने अपने उद्बोधन में जूते की एक छोटी सी कहानी सुनाकर देशप्रेम की भावना जागृत की। उन्होंने अपनी कविता "पापा मैं आपसे बड़ा हो गया" सुनाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके साथ ही, उन्होंने अपने मित्र राज बब्बर के साथ मुंबई में किए गए संघर्ष के किस्से साझा कर दर्शकों को हंसाया। उन्होंने महाभारत में निभाए गए द्रोणाचार्य के एक डायलॉग को भी बुलंद आवाज में प्रस्तुत कर दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।

कला का सम्मान जीवनभर की महक
कार्यक्रम के अंतिम अवार्डी, अभिनेता राज बब्बर ने कहा कि कला चाहे किसी भी क्षेत्र में हो, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब सम्मान अपने घर और अपने लोगों से मिलता है, तो उसकी महक जीवनभर बनी रहती है। 

प्रमुख सम्मानित हस्तियां
समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों को सम्मानित किया गया, जिनमें फिल्म अभिनेता राज बब्बर को 'राष्ट्र गौरव सम्मान', पं. रघुनाथ तलेगांवकर को 'अमृत्व सम्मान' (मरणोपरांत), सुरेंद्र पाल को 'फिल्म एवं टीवी अभिनेता सम्मान', और अतुल सभरवाल को 'फिल्म पटकथा लेखक एवं निर्देशक सम्मान' मिला। अन्य सम्मानित हस्तियों में डॉ. राजीव जैन, डॉ. सदानंद ब्रह्मभट्ट, डॉ. संध्या अग्रवाल, बलराम श्रीवास्तव, रूचि शर्मा और सोनिया शर्मा शामिल हैं।

पूरन डावर की बायोग्राफी का विमोचन
समारोह के दौरान पूरन डावर की बायोग्राफी 'अनस्टॉपेबल पर्सूट ऑफ़ प्रोग्रेस' का विमोचन भी किया गया। राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने पुस्तक का विमोचन किया और इसकी जानकारी एशियावन मैगजीन के सीईओ संदीप कुमार ने दी। इससे पहले दुबई में भी इस पुस्तक का विमोचन किया जा चुका है, और आगामी दिनों में कई अन्य देशों में भी इसे लॉन्च किया जाएगा।

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