चर्चा में आए मैनपुरी के डीएम : मां-बेटी को हंगामा करने पर भिजवाया जेल, जानें कौन हैं IAS अधिकारी अंजनी कुमार सिंह

UPT | डीएम अंजनी कुमार सिंह

Dec 08, 2024 19:50

मैनपुरी के जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह इन दिनों काफी चर्चा में हैं। दरअसल, एक मां-बेटी अपनी शिकायत लेकर उनके पास पहुंचीं और वहां कुछ ऐसा हुआ...

Mainpuri News : मैनपुरी के जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह इन दिनों काफी चर्चा में हैं। दरअसल, एक मां-बेटी अपनी शिकायत लेकर उनके पास पहुंचीं और वहां कुछ ऐसा हुआ, जो सुर्खियां बन गया। इन दोनों महिलाओं की डीएम से बहस हो गई, जिसके बाद अंजनी कुमार सिंह ने उन्हें थाने भेज दिया और उनका चालान भी करवा दिया। इस घटना पर अब मैनपुरी डीएम का बयान भी सामने आया है, लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं कि अंजनी कुमार सिंह कौन हैं।

कौन हैं डीएम अंजनी कुमार सिंह
अंजनी कुमार सिंह 2014 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। उनके पास प्रशासनिक क्षेत्र का लंबा अनुभव है। इससे पहले वे गोरखपुर के नगर आयुक्त, बस्ती और बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा, वे लखनऊ में अपर जिलाधिकारी (ADM) के पद पर भी कार्यरत रहे हैं। उनकी कार्यशैली और सख्त फैसलों की वजह से वे हमेशा सुर्खियों में रहते हैं और एक तेज-तर्रार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।



इस मामले से चर्चा में आए
अब हम आपको बताते हैं कि मैनपुरी में ये विवाद क्या था। दरअसल, राधा देवी, जो मैनपुरी के थाना किसनी के ग्राम बहरामऊ की रहने वाली हैं, अपनी बेटी के साथ डीएम के पास शिकायत लेकर पहुंचीं। वे यह दावा कर रही थीं कि मेढ़बंदी के बावजूद कुछ दबंग उनकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। उनका कहना था कि राजस्व निरीक्षक द्वारा लगाए गए निशानों को मिटा दिया गया और दबंगों ने फिर से उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया। 

मां-बेटी ने दी आत्महत्या की धमकी
डीएम अंजनी कुमार सिंह ने इन दोनों की शिकायत पांच मिनट तक सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इसके बावजूद मां-बेटी डीएम से बहस करने लगीं और इस दौरान उन्होंने आत्महत्या की धमकी भी दे डाली। दोनों का व्यवहार देखकर डीएम ने यह निर्णय लिया कि ऐसी स्थिति में एहतियातन उन्हें पुलिस के हवाले किया जाए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। 

शांति भंग के आरोप में किया चालान
डीएम अंजनी कुमार सिंह ने अपनी ओर से कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन मां-बेटी ने सुनने से इनकार कर दिया। इसके बाद डीएम के आदेश पर पुलिस ने दोनों महिलाओं को थाने ले जाकर शांति भंग के आरोप में उनका चालान कर दिया। यह कदम इस लिए उठाया गया था ताकि स्थिति को शांत किया जा सके और कोई और अनहोनी न हो। 

नहीं भिजवाया जेल- डीएम
इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी को जेल भेजने की बात नहीं की थी। उन्होंने कहा कि यह जमीन का विवाद था और उन्होंने दोनों को पूरी बात सुनकर आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, दोनों महिलाओं ने बार-बार आत्महत्या की धमकी दी, जिसके कारण उन्हें थाने भेजने का निर्णय लिया गया। स्थिति शांत होने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।

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