रेलवे लाइन से होगी पंचकोशी परिक्रमा : नया अंडरपास बनाने का दिया गया प्रस्ताव, 20 करोड़ की आएगी लागत

UPT | मौके का निरीक्षण करते अधिकारी

Oct 03, 2024 19:21

मथुरा की पँचकोशिय परिक्रमा के लिये अब श्रद्धलुओं को आगरा दिल्ली रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरना नहीं पड़ेगा।इसके लिए ट्रैक के नीचे अंडरपास बनाये जायेंगे।बृज तीर्थ विकास परिषद के अधिकारियों और धार्मिक संस्थाओं के लोगों के साथ मंथन कर मौके का निरीक्षण किया गया

Mathura News : मथुरा पंचकोशी परिक्रमा के अंतर्गत अब परिक्रमार्थियों को आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन के ऊपर से नहीं गुजरना होगा। रेलवे शिवताल और पोतराकुंड के निकट दो अंडरपास बनाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में वर्चुअल रूप से डीआरएम तेज प्रकाश अग्रवाल भी जुड़े।

सौंदर्यीकरण में 20 करोड़ की लागत
बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि परिषद मथुरा की पंचकोशी परिक्रमा का सौंदर्यीकरण करने जा रही है। इस पर लगभग 20 करोड़ की लागत आएगी। इस कार्य में पोतराकुंड और शिवताल के निकट रेलवे लाइन परिक्रमा में बड़ी बाधा बन रही है, जहां परिक्रमार्थियों को लाइन के ऊपर से गुजरना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए अंडरपास की आवश्यकता है। पोतराकुंड के लिए भूतेश्वर रेलवे स्टेशन के निकट अंडरपास प्रस्तावित है, और शिवताल के निकट नया अंडरपास बनाना चाहिए। इस पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने मौजूदा पुलिया की जानकारी दी। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने सीईओ श्याम बहादुर सिंह के नेतृत्व में स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए।

अंडरपास बनाने का दिया प्रस्ताव
बैठक के बाद स्थलीय निरीक्षण दल ने शिवताल के निकट रेलवे पुलिया का निरीक्षण किया, जिसमें कीचड़ और पानी भरा हुआ था। रेलवे अधिकारियों ने बीएसए कॉलेज के सामने नए अंडरपास बनाने का प्रस्ताव दिया, जो परिक्रमा मार्ग का हिस्सा रहेगा। साथ ही पुलिया के सुधार की बात की गई। अधिकारियों ने भूतेश्वर रेलवे स्टेशन के निकट प्रस्तावित अंडरपास स्थल को भी देखा। इस अंडरपास को आम रास्ते से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण के निर्देश सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता प्रशांत गौतम को दिए। निरीक्षण के दौरान गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा, पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा, आर्किटेक्ट मयंक गर्ग, और रेलवे, नगर निगम तथा विकास प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित रहे।

कृष्ण कालीन मानी जाती है परिक्रमा
मथुरा की पंचकोशी और तीन वन परिक्रमा आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन से गुजरती है, जो कि एक गंभीर स्थिति है। अक्षय नवमी पर यहां एक घटना भी हो चुकी है। हालांकि नगर निगम ने रेलवे प्रशासन की मदद से बंद पुलिया को सुचारू किया है, लेकिन पुलिया के नीचे हमेशा पानी और कीचड़ भरा रहता है। इस समस्या के समाधान के लिए नए अंडरपास का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने रेलवे को दिया था। मथुरा की पंचकोशी और तीन वन परिक्रमा कृष्ण कालीन मानी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जी ने कंस बध के बाद यह परिक्रमा की थी। मथुरा की परिक्रमा का विशेष महत्व अक्षय नवमी और देवोत्थान एकादशी पर होता है।

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